newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Govt. Mantra

अब वापस होगी सहारा में फंसी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई, केंद्रीय गृहमंत्री ने रिफंड पोर्टल का किया शुभारंभ

सहारा

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पंजीयक-सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) का शुभारंभ किया। इस पोर्टल को सहारा समूह की चार सहकारी समितियों-सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा, उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी और सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार सहित सहारा समूह की चारों सहकारी समितियों के जमाकर्ता भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का महत्व इस दृष्टि से है कि जिन लोगों की गाढ़ी कमाई इन चार सहकारी समितियों में फंसी है, उनके प्रति किसी का ध्यान नहीं गया। ऐसे मामलों में अक्सर मल्टी एजेंसी सीज़र हो जाता है, क्योंकि कोई एजेंसी निवेशक के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा कि इसके कारण कोऑपरेटिव सोसाटीज़ के प्रति बहुत बड़ी असुरक्षा और अविश्वास की भावना पैदा हो जाती है। श्री शाह ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों के पास पूंजी नहीं है, लेकिन वे देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। इसके लिए कोऑपरेटिव आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही एकमात्र आंदोलन है जिसमें छोटी-छोटी पूंजी को मिलाकर बड़ी पूंजी का निर्माण कर बड़े काम किए जा सकते हैं।
अमित शाह ने कहा कि कई बार घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं और जो लोग इनमें निवेश करते हैं, उनकी पूंजी फंस जाती है। जैसे सहारा का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि कई सालों तक सुप्रीम कोर्ट में केस चला, एजेंसियों ने इनकी संपत्तियां और खाते सील कर दिए और ऐसा होने पर कोऑपरेटिव सोसायटीज़ की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और उसके बाद इस मामले में पहल करते हुए सभी स्टेकहोल्डर्स को बिठाकर बात की गई। उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार किया गया कि क्या कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है जिसमें सभी लोग अपने दावों से ऊपर उठकर छोटे निवेशकों के बारे में सोचें। श्री शाह ने कहा कि सभी ऐजेंसियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन कर उनके निर्देशन में पारदर्शी तरीके से भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो। उन्होंने कहा कि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5000 करोड़ रुपये की राशि लौटाने की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि जब 5000 करोड़ रुपये का भुगतान हो जाएगा तब बाकी बचे निवेशकों की राशि लौटाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
केद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज लॉंन्च हुए पोर्टल के माध्यम से पहले उन निवेशकों को, जिनकी जमाराशि 10,000 रुपये या इससे अधिक है उसमें से 10,000 रुपये तक की राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक के साथ अन्याय की गुंजाइश ना हो।
अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने निवेश नहीं किया है, उन्हें किसी भी तरह से यहां से रिफंड नहीं मिल सकता और जिन्होंने निवेश किया है उन्हें रिफंड मिलने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने सभी निवेशकों से अनुरोध किया कि वे सीएससी के माध्यम से अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराएं। श्री शाह ने कहा कि इस प्रक्रिया में दो प्रमुख शर्तें हैं। पहली कि निवेशक का आधार कार्ड उसके मोबाइल के साथ लिंक्ड हो और आधार कार्ड आपके बैंक अकाउंट के साथ लिंक्ड हो। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 45 दिनों में पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएगा।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज एक बहुत बड़ी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ निवेशकों का घोटाले में फंसा पैसा वापस मिलना शुरू हो रहा है, ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों लोगों को अपने पसीने की गाढ़ी कमाई के पैसे वापस मिलने की शुरूआत हो रही है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। जमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता है।

सौजन्य : PIB

Related posts

बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस पर बोले मुख्यमंत्री-देश में कहीं भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ऐसा म्यूजियम नहीं

Newsmantra

Biden signs USD 40B for Ukraine assistance

Newsmantra

मुख्यमंत्री ने 29 साहित्यकारों को किया सम्मानित, पुरस्कार की राशि बढ़ाने की भी घोषणा पटना

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More