मुंबई में कांग्रेस कितनी सीटें जीत पायेगी ये तो अभी किसी को भरोसा नहीं लेकिन टिकट वितरण से लेकर अपनों को एडजस्ट करने के कारण आपस में सिर फुटौव्वल चल रहा है. लोग कह रहे है कि दागी .बागी और रागी ये तीनों मिलकर मुंबई कांग्रेस को डुबो देंगे.
आपसी झगडे के चलते मुंबई की कांग्रेस की सीटों के उम्मीदवारों का इंतजार बढता ही जा रहा है और जिनको टिकट मिली उनके खिलाफ बगावत बढ रही है. भांडुप में कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दी जो की पिछले चुनाव में खुद बगावत कर कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ खडा हो गया था . कांग्रेस ने बीएमसी पार्षद सुरेश कोपरकर को टिकट दे दी है . कोपरकर ने पिछले चुनाव में पार्टी छोड दी थी और निर्दलीय चुनाव लडा था जिसमें उनकी जमानत तक जब्त हो गयी थी .अब कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सहसचिव राकेश शेटटी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिठटी लिखकर कहा है कि अगर ऐसे ही लोगों को टिकट दी गयी तो फिर जो पार्टी में निष्ठावान रहे उनका क्या होगा. शेटटी खुद भी टिकट के दावेदार थे लेकिन कोपरकर ने उनको सेटिंग कर गच्चा दे दिया. यानि बागी होकर भी कोपरकर आगे हो गये.
उधर बांद्रा पूर्व में भी लडाई खुलकर सामने आ गयी है. पूर्व विधायक और मंत्री रहे बाबा सिददीकी के बेटे जीशान सिददीकी को यहां से टिकट दे गयी है जिसके खिलाफ बांद्रा ब्लाक के कांग्रेसियो ने बगावत कर दी है. ये सीट वैसे तो दलित नेता जनार्दन चांदुरकर की थी जो बूढे हो गये हैं .इस सीट पर कई लोग टिकट मांग रहे थे .राज्यसभा सांसद हुसैन दलवाई ने भी दावा ठोका था लेकिन युवक कांग्रेस में सक्रिय जीशान टिकट पा गये .अब जीशान के खिलाफ कांग्रेसी बगावत कर रहे हैं इससे उनकी राह मुशिकल हो गयी है. जीशान के पिता बाबा बांद्रा पशिचम से चुनाव लडते थे लेकिन बेटे के लिए पीछे हट गये है. अब बांद्रा में भी आरिफ जकारिया और बाकी दावेदारों के बीच जमकर लडाई चल रही है.
वर्सोवा सीट पर भी पूर्व विधायक बलदेव खोसा को किनारे कर दिया गया है जबकि यहां से दिवंगत गुरुदास कामत की विरासत संभाल रही भावना जैन गुटबाजी में पीछे रह गयी है.संजय निरुपम के करीबी रहे रईस कलसारिया को टिकट मिल सकता है जबकि पूर्व मंत्री नसीम खान यहां से एक पार्षद चंगेज खान को टिकट दिलाना चाहते है.
सबसे बडी मजेदार बात तो दहिसर में हुयी जहां से सांसद का चुनाव लडकर हारी अभिनेत्री उर्मिला मांतोडकर ने नेताओं को गरियाते हुए पार्टी छोड दी लेकिन अपनों को टिकट दिलाने का राग वो नहीं छोड पायी .उनके कहने पर शराब के व्यापारी किशोर सिंह को टिकट दे दी गयी. अब लोकल कांग्रेसी सवाल उठा रहे कि जब उर्मिला पार्टी मे ही नही है तो
उनकी बात सुनी ही क्यों जा रही है.
दरअसल मुंबई कांग्रेस कई खानों में बंट गयी है. एक तरफ पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवडा और मौजूदा अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड ने हाथ मिला लिया है और उनके साथ पूर्व मंत्री नसीम खान का गुट शामिल है तो दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम और पूर्व मंत्री सुरेश शेटटी एक हो गये है .इस आपसी खींचतान मे अपनों के प्रति अनुराग के कारण टिकट पाने वाले खुद को रागी कह रहे हैं तो बागी और दागी मिलकर टिकट ले जा रहे हैं. अब पार्टीभगवान भरोसे ही है.