रक्षाबंधन, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व, भाई और बहन के बीच के अद्वितीय संबंध और प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके दीर्घायु, सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं।
रक्षाबंधन की तैयारी और उत्सव
रक्षाबंधन की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है। बाजार में राखियों की दुकानों पर रंग-बिरंगी राखियों का प्रदर्शन होता है। मिठाइयों की दुकानें भी आकर्षक मिठाइयों से सजी रहती हैं। इस दिन, भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं और परिवार के साथ समय बिताते हैं।
रक्षाबंधन का उत्सव न केवल घरों में बल्कि विद्यालयों, कार्यस्थलों और विभिन्न समुदायों में भी मनाया जाता है। यह पर्व समाज में एकता, सौहार्द्र और भाईचारे का संदेश देता है।
रक्षाबंधन का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
रक्षाबंधन का पर्व न केवल व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में आपसी सहयोग, प्रेम और सम्मान की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हमें अपने प्रियजनों की रक्षा और उनके प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
कब है रक्षाबंधन?
इस बार श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त को है , रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रक्षा बंधन बांधने का शुभ समय है। इस समय बांधने से भाइयों को दीर्घायु के आशीर्वाद के साथ ख़ुशी और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।