भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक की तर्ज पर महाराष्ट्र में सबसे बडी पार्टी होकर भी विपक्ष में बैठेगी और कांग्रेस एनसीपी शिवसेना को सरकार बनाने देगी. पार्टी इसके बाद चाहती है कि वो सरकार नही चल पाये तब दूसरे दलों के विधायकों को शामिल कर अपनी अकेली की सरकार बनायेगी.
पार्टी के प्रभारी भूपेन्द्र यादव और नितिन गडकरी मुंबई आ रहे है . पार्टी की शाम को बैठक होगी और उसके बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस इस्तीफा दे देंगे . शाम को ही बीजेपी के सारे मंत्री अपने बंगले खाली कर देंगे. ताकि संदेश दे सके कि सबसे बडी पार्टी होकर भी सतता के लिए कुछ भी नही किया जबकि शिवसेना ने अपने सारे सिदधांत भूलकर एनसीपी कांग्रेस के साथ सरकार बना ली.
इसके बाद बीजेपी राम मंदिर के निर्णय का इंतजार करेगी और राज्य भर में किसान आंदोलन की शुरुआत करेगी .ताकि खुद को ही अकेले दम पर स्थापित कर सके. बीजेपी को लगता है कि सरकार बनाने का सबसे बडा नुकसान शिवसेना और कांग्रेस को होगा . फायदा जाहिर है बीजेपी को मिलेगा.
इस बीच बीजेपी ने अपने सारे विधायकों को मुंबई बुला लिया है ताकि शाम तक बैठक करके राज्यपाल से मुलाकात की जा सके . लेकिन इसमें संभावना है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस का नुकसान हो सकता है. एक बार मुख्यमंत्री का पद छोडने के कुछ महीनों बाद फिर से कुर्सी की उनकी दावेदारी कमजोर हो जायेगी . कर्नाटक मे येदियुरप्पा पार्टी की मर्जी के खिलाफ भी कुर्सी पर बैठने मे कामयाब रहे क्योंकि वहां पर लिंगायत विधायकों पर उनकी पकड थी .इसके उलट महाराष्ट्र में देवेन्द्र फणनवीस के पास उतने विधायक नही है .ज्यादातर मराठा विधायक किसी मराठा के पक्ष में है.
पार्टी के अंदरखाने की खबर ये भी है कि खुद बीजेपी आलाकमान भी पहले देवेन्द्र फणनवीस को किनारे करना चाहता है क्योकि सीट बंटवारे और सत्ता के बंटवारे पर देवेन्द्र की गलतियों से आलाकमान नाराज है इसलिए पहले उनको हटाने की तैयारी है.