पटना। बिहार के उद्योग विभाग तथा विज्ञान तकनीकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने नई दिल्ली में सूचना प्रौद्योगिकी इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया। इसमें बिहार के विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने कहा कि निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने कई उत्साहवर्द्धक नीतियां बनाई है। राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। कुशल तथा अकुशल श्रमशक्ति के मामले में बिहार देश का नंबर-वन राज्य है। उद्योग विभाग ने निवेश बढ़ाने तथा नये उद्योगों की स्थापना के लिए बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2023, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन (लेदर और टेक्सटाईल) नीति- 2022 सहित कई नीतियां बनाई है। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के क्षेत्र में भी निवेश की अपार संभावनाएं है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति काफी अच्छी है। निवेशक स्वयं बिहार आएं और यहां उपलब्ध सुविधाओं को देखते हुए निवेश का फैसला लें।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि बिहार में इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं तथा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और उत्पादन का हब बन सकता है। बिहार में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं की बड़ी फौज है। बिहार में स्टार्टअप के विकास के लिए बी-हब बनाया गया है, जहां 162 स्टार्टअप्स एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आईटी इंडस्ट्री के लिए बिहार का ईको सिस्टम बेहतरीन है।
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि बिहार निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन रहा है। उद्योग विभाग के प्रयासों से उद्योग लगाना काफी आसान हो गया है। राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक नियमित तौर पर हो रही है और जमीन आवंटन भी एक सप्ताह के अंदर कर लिया जा रहा है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा कि डिजिटल इंडिया का सपना साकार हो रहा है। पूरे देश में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का तेजी से विकास हुआ है और बिहार में भी इस सेक्टर में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं। इससे पहले इन्वेस्टर्स मीट में उपस्थित सभी निवेशकों और कर्मचारियों का स्वागत करते हुए उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने कहा कि आईटी सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल है। बिहार में इस इन्डस्ट्री में ग्रोथ की असीम संभावनाएं भी है।