मुंबई में संभलने लगे हालात लेकिन देश का क्या होगा
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के हालात तेजी से सुधर रहे है . गुरुवार को यहां तीस हजार टेस्टिंग हुयी जिसमें से केवल 986 केस ही पाजिटिव यानि कि पाजिटिविटी की दर बहुत कम है इसके साथ ही मौत का आंकड़ा भी घटा है जिसमें केवल 36 लोगों की मौत एक दिन में हुयी . अब सरकार लाकडाउन मे कुछ राहत देने की तरफ सोच रही है लेकिन पूरी नहीं क्योकिं अब भी तीसरी लहर का खतरा बरकरार है .
इन सबके बीच वेक्सिनेशन की लहर धीमी होना लगातार चिंता का विषय बना हुआ है . बीएमसी लगातार चाह रही है कि हर वार्ड में वेक्सिनेशन सेंटर हो लेकिन हो नहीं पा रहा साथ ही 18 से 44 साल के लोगों के लिए पहली डोज मिलना ही मुश्किल हो रहा है बीएमसी ने वैक्सीन के लिए टेंडर निकाला है लेकिन इसमें जुलाई तक ही वैक्सीन मिलने की संभावना है . फिर भीसंतोष यही कि केस कम हो रहे है जिससे अस्पतालों पर बोझ कम होगा ..
राज्य में बीते 24 घंटे के भीतर करीब 21 हजार नए मामले सामने आए हैं और 34 हजार से ज्यादा लोग रिकवर हुए हैं. महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 425 है. वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई में अब हालात काफी बेहतर स्थिति में है. शहर का रिकवरी रेट अब 94 प्रतिशत हो गया है.
इससे पहले खबर आई कि राज्य में कुछ ढील के साथ लॉकडाउन जारी रखा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा- ‘ये निर्णय किया गया है कि लॉकडाउन को पूरी तरह से नहीं हटाया जाएगा क्योंकि 21 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है. उन जिलों में कुछ ढील दी जा सकती है जहां पर नए मामलों में कमी आ रही है. कुछ दिनों के भीतर गाइडलाइंस जारी कर दी जाएंगी.’
कहा जा रहा था कि कोरोना संकट से उबर रहे महाराष्ट्र में जारी पाबंदियों में जल्द ढील दी जा सकती है. राज्य सरकार 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार कर रही है. शुरुआत में समयसीमा के साथ दुकानों को खुलने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, लोकल रेल सेवा अनलॉक के अंतिम चरण में शुरू हो सकती है.
बता दें कोरोना के खिलाफ प्रयासों को लेकर बीते दिनों के दौरान बृह्नमुंबई महानगर पालिका की तारीफ की जाती रही है. दूसरी लहर में बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल के निर्देशन में युद्ध स्तर पर काम करते हुए बीएमसी ने कई निर्णय तेजी के साथ लिए. इनमें बेड की व्यवस्था से लेकर वार्ड वॉर रूम बनाए जाने की योजना शामिल थी. अब मुंबई में नए मामलों की संख्या में काफी कमी आ गई है. अब शहर में बेड्स की व्यवस्था और ज्यादा दुरुस्त हो गई है