दुनिया की दिग्गज कंपनियां भारत के होनहारों का लोहा मानती हैं। भारतीय मूल लोगो ने सीईओ पद संभालकर न सिर्फ कंपनियों के मुनाफे को नई ऊंचाई पर पहुंचाया, बल्कि उनका मार्केट कैप भी बढ़ाकर उनका रुतबा बढ़ाया है। भारतीय हुनर का परचम दुनिया में फहरा रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट: सत्या नडेला
सत्या नडेला ने फरवरी 2014 में बतौर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन किया था। नडेला वर्ष 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े थे। उसके बाद वो जल्द ही एक ऐसे लीडर के रुप में पहचाने जान लगे जो कि Microsoft के कुछ बड़े उत्पादों की पेशकश के लिए प्रौद्योगिकियों और व्यवसायों में बदलाव कर सकते हैं। वर्ष 2014 से लेकर अब तक नडेला ने अपने दम पर कंपनी का मार्केट कैप कई गुना बढ़ाने के साथ-साथ उसका मुनाफा भी बढ़वाया है। मैक्रोट्रेंड्स के डेटा के मुताबिक 03 फरवरी 2014 को कंपनी का मार्केट कैप 270.17 बिलियन डॉलर रहा था। जो कि 22 अप्रैल 2019 को यह 1005.87 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। यानी उन्होंने मात्र 5 वर्षों में कंपनी के मार्केट कैप को तीन गुना से ज्यादा बढ़ा दिया। माइक्रोसॉफ्ट 1 लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप छूने वाली दुनिया की चौथी कंपनी का तमगा भी हासिल कर चुकी है।
गूगल: सुंदर पिचई
सुंदर पिचई ने 10 अगस्त 2015 को गूगल ज्वाइन किया था। सुंदर पिचाई का जन्म तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ। सुंदर पिचाई ने भारत के टॉप टेक्निकल संस्थान आईआईटी खड़गपुर से बैचलर की डिग्री ली। पेन्सील्वानिया यूनिवर्सिटी से वो MBA कर चुके हैं।
मैक्रोट्रेंड्स के डेटा के मुताबिक तब गूगल का मार्केट कैप 514.05 बिलियन डॉलर रहा था। 22 अप्रैल 2019 आते-आते गूगल का रेवेन्यू 954.82 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। अगर रेवेन्यू की बात करें तो वर्ष 2015 में कंपनी का रेवेन्यू 74.54 बिलियन डॉलर रहा था। यह वर्ष 2018 में 136.22 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।