भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के खाते में एक बड़ी उपलब्धि आई है। यहां जबड़े की सर्जरी के लिए विकसित तकनीक को भारत सरकार ने कॉपीराइट प्रदान किया है।
एम्स के दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अंशुल राय ने सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटामी तकनीक विकसित की है। जिसे भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है।
सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटामी एक तरह की जबड़े की सर्जरी है जिसमें निचले जबड़े को ऊपरी जबड़े से अलग किया जाता है और उसे आगे या पीछे ले जाकर फिर से जोड़ा जाता है।
डॉ अंशुल गुप्ता के अनुसार यह सर्जरी दांतों और जबड़े का आकार ठीक करने में सहायक होती है। विकृत चेहरे वाले लोगों के लिए यह सर्जरी एक वरदान के रूप में साबित होगी। यह तकनीक न केवल शारीरिक रूप से उन्हें सुधार में मदद करेगी बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगी।
इस इनोवेशन के लिए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉक्टर अजय सिंह ने डॉ राय को उनकी सफलता के लिए बधाई दी है और कहा है कि इस तकनीक से कई लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।