पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने बिहार दौरे के क्रम में गुरुवार को एम्स पटना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर कार्यों में गति लाने का निर्देश दिया। केंद्रीय मंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद बताया कि एम्स में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, उसको लेकर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संकल्प को साकार करने के लिए उद्देश्य से देशभर में कुल 23 एम्स की स्थापना की गई है ताकि चिकित्सकीय शिक्षा के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा जनता को मिले।
डॉ. पवार ने कहा कि एम्स एक ब्रांड हैं। बैठक में चिकित्सकों को गुणवता बरकरार रखने एवं अनुसन्धान आधारित कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एम्स पटना में फैकल्टी की जो कमी है उसे जल्द ही दूर करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एम्स को जारी बजट पूरी तरह से सही मायने में ख़र्च हो रही है या नहीं, इसकी भी समीक्षा की गयी ।
केंद्रीय मंत्री डॉ. पवार ने बताया कि बिहार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारियों के साथ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं के बिहार राज्य में क्रियान्वयन को लेकर भी समीक्षा बैठक की गयी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं के लिए बजट 1500 करोड़ उपलब्ध राशि को सही ढंग और तय समय के अंदर खर्च करनेका निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य को इसीआरपी- 1 के तहत 200 करोड़ इसीआरपी -2 के तहत 1000 करोड़ राशि उपलब्ध कराई गई है, जिसके तहत कार्य चल रहा है जो जल्द पूरे होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना काल के बाद ज़्यादातर कार्य त्वरित माध्यम से हो रहा है ताकि किसी भी विपदा से बचा जा सके। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छे बजट उपलब्ध कराए हैं ताकि प्रत्येक राज्य किसी भी चुनौती से लड़ सकें। 15 वें वित् आयोग द्वारा 2021-22 के लिए बिहार स्वास्थ्य विभाग को 1100 करोड़ की राशि दी गई जो अभी तक ख़र्च नहीं हो पाई है, जिसे जल्द से जल्द उपयोग करने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को स्थापित करने के लिए भी भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के तहत 839 करोड़ की राशि बिहार सरकार को दिया गया है, इसका ख़र्च भी अभी तक बिहार सरकार द्वारा नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्कीम के तहत आठ मेडिकल कालेज को बिहार में मंज़ूरी मिली है जिसमें पूर्णिया, सारण और समस्तीपुर शामिल हैं, इसका भी कार्य चल रहा है। इसके लिए 340 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटें बढ़ाने के लिए भी कार्य चल रहा है। बिहार में भी 11 मेडिकल कॉलेजों को लगभग 148 करोड़ रुपया की राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि बिहार को सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के लिए 600 करोड़ की राशि दी गई है जिसके तहत कार्य चल रहा है। जबकि एम्स पटना के लिए प्रतिवर्ष 700 करोड़ रुपया का बजट दिया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में लगभग बिहार राज्य को कुल 12,000 करोड़ रुपया की सहायता भारत सरकार द्वारा दी गयी है, यह राज्य के नागरिकों का पैसा है और इसे सही तरीक़े से ख़र्च करने की ज़रूरत है।