उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के एक गांव के जनजातीय वर्ग ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस गांव के लोग न तो शराब बनाएंगे और न ही शराब का सेवन करेंगे। इतना ही नहीं जो ऐसा करेगा उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
उमरिया जिले की करकेली जनपद पंचायत क्षेत्र के पठारीकला गांव में नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिये एक बड़ा कदम उठाया है। गांव के सभी जनजातीय ग्रामीणों ने जुलूस निकालकर शराब न बनाने और इसका सेवन भी कतई न करने की शपथ ली। अभियान की सफलता के लिए ग्रामीणों ने कंधे से कंधा मिलाकर यह सामाजिक संकल्प लिया।
सामाजिक संकल्प के साथ गांव के लोगों ने लिखित शपथ-पत्र भी दिया। शपथ-पत्र में साफ-साफ लिखा है कि ‘हम आज से न कभी शराब पियेंगे और न ही बनायेंगे और अगर ऐसा करते पाये गये, तो 10 हजार रुपये का अर्थदण्ड देंगे।‘ इस मौके पर जनजातीय ग्रामीणों ने यह शपथ ली।
गांव के प्रबुद्धजनों एवं जागरूक लोगों ने इन ग्रामीणों को बताया कि कोई भी नशा या बुरी आदत समाज एवं परिवार को पतन की ओर ले जाता है। नशा और बुरी आदतें घर की सुख-समृद्धि एवं बच्चों की शिक्षा को पूरी तरह नष्ट कर देता है। हम सभी नशामुक्त होकर स्वस्थ और स्वच्छ समाज के निर्माण में भागीदार बनें। साथ ही बच्चों की शिक्षा पर भी पूरे समर्पण से ध्यान दें, तभी हम अपने गांव, जिले, प्रदेश और देश को नशामुक्त बना पायेंगे।
उल्लेखनीय है कि समाज में शराब का सेवन और दूसरे प्रकार के नशे की बढ़ती लत बेहद चिंतनीय है। कई आपराधिक घटनाओं, दुर्घटनाओं के पीछे शराबखोरी और नशे की लत बड़ी वजह के रूप में सामने आती हैं। नशा मुक्ति अभियान को लेकर जब हम सभी जागरूक होंगे, तभी आपराधिक घटनायें एवं दुर्घटनायें रुकेंगी।