भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) पूरे भारत में कई रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है। भारत के वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र में स्थित और दुनिया के अधिक आबादी वाले शहरों में से एक मुंबई का अंधेरी स्टेशन भी इसमें शामिल है। स्टेशनों के पुनर्विकास का उद्देश्य यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाओं को प्रदान करना और यात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए है। इसे 21 हजार 843 वर्ग मीटर में बनाया जाना है। इसके पुनर्विकास के लिए डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर) मॉडल को अपनाया गया है। इसके पुनर्विकास के मॉडल को सक्षम प्राधिकारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है। अंधेरी रेलवे स्टेशन के पहले चरण के विकास के लिए आरएफक्यू (योग्यता के लिए अनुरोध) तब जारी किए जाएंगे अगर वह दोबारा जरूरी होंगे।। अंधेरी स्टेशन का मास्टर प्लान को फ्लोर प्लान के अतिरिक्त मंजूरी से पहले से ही 21 मई 2021 को पश्चिमी रेलवे से प्राप्त किया गया है।
ये है विकसित करने की योजना
आईआरएसडीसी चरणबद्ध तरीके से अंधेरी रेलवे स्टेशन को विकसित करेगा। इसके लिए पुनर्विकास का कुल क्षेत्रफल 4.31 एकड़ है। पहले चरण में 2.1 एकड़ और बचे हुए क्षेत्रफल पर दूसरे चरण में कार्य किया जाना है। पहले चरण में पुनर्विकास के लिए परियोजना लागत 218 करोड़ रुपये तय की गई है। वहीं, आईआरएसडीसी के एमडी और सीईओ श्री एस.के लोहिया ने कहा कि हम मुंबई में अंधेरी स्टेशन के अलावा आगे आने वाले समय में दादर, कल्याण, ठाकुरली, बांद्रा, सीएसएमटी, ठाणे और बोरिवली स्टेशनों का भी पुनर्विकास करेंगे। इन परियोजनाओं में काम अलग-अलग चरणों में किया जाएगा। वहीं, इसके लिए निर्धारित समय सीमा बनाकर पूरा करेंगे। इन स्टेशनों का पुनर्विकास वास्तविक संभावनाओं को बढ़ावा देगा और एक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को बदलेगा।
ऐसा दिखेगा अंधेरी स्टेशन
पुनर्विकास करने पर स्टेशन का कॉनकार्स पूर्वी तरफ दिया जाएगा। जो सभी फ़्लाईओवर ब्रिज और रेलवे स्टेशन के साथ मेट्रो स्टेशन को एक करेगा। इसके अलावा स्टेशन पर भीड़ को कम करने के लिए प्रवेश, ड्रॉप-ऑफ / पिकअप के लिए वर्सोवा मार्ग रोड पर योजना बनाई गई है। वहीं, स्टेशन की छत को पूरी तरह से आसमान के साथ-साथ स्वामी नित्यनन्द मार्ग रोड के साथ एक किया जाएगा। इसके अलावा ऐसी छत बनाने की योजना बनाई गई है। जैसे उपनगरीय स्टेशनों चर्चगेट और सीएसएमटी स्टेशनों में बारिश में पानी और सीधे सूर्य के प्रकाश को मंच में रोकने के लिए है। वहीं, स्टेशन शत-प्रशित दिव्यांग-सुलभ होगा और ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर विकसित किया जाएगा। यह स्मार्ट स्टेशन के तौर पर पुनर्विकसित किया जा रहा है जिसमें आधुनिक निर्माण प्रबंधन प्रणाली के साथ सीसीटीवी सहित अन्य उपकरण लगे होंगे। यहां वाणिज्यिक विकास की योजना भी कॉनकार्स लेवल पर तैयार की गई है जो यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सके।
पश्चिमी रेलवे नेटवर्क के सबसे व्यस्ततम स्टेशनों में से एक अंधेरी दो प्रमुख रेलवे लाइनों के लिए सेवा देता है। इसमें हार्बर लाइन जो छत्रपति शिवाजी टर्मिनस या पनवेल की ओर जाती है। वहीं, पश्चिम रेलवे लाइन को जोड़ने वाले चर्चगेट और दहानू हैं। इसके अलावा वेरोवा – अंधेरी – घाटकोपर मेट्रो लाइन स्टेशन के पूर्व में स्थित है। अंधेरी लंबी दूरी की गाड़ियों के लिए एक प्रमुख स्टेशन है और प्रतिदिन लगभग 4.2 लाख यात्रियों को संभालता है। यहां नौ प्लेटफॉर्म है। जिसमें से प्लेटफॉर्म नंबर आठ और नौ लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए है। वहीं, बचे हुए प्लेटफॉर्म उपनगरीय ट्रेनों के लिए हैं। अंधेरी पश्चिम की ओर से स्टेशन पर प्राथमिक प्रवेश है। जबकि इसका प्रवेश पूर्वी तरफ है जहां काफी भीड़ रहती है। स्टेशन के दोनों तरफ कई एफओबी इसे जोड़ते हैं। वहीं, जीके गोखले आरओबी से मेट्रो स्टेशन की तरफ स्काईवॉक से रास्ते को जोड़ा गया है। जो कि यात्रियों के लिए आवागमन के लिए सुविधाजनक है।
रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास भारत सरकार के एजेंडे की प्राथमिकता में है। जो रेलवे स्टेशन के क्षेत्रों को ‘रेलपोलिस’ में बदल देगा। इसमे मिश्रित उपयोग के विकास के साथ एक मिनी स्मार्ट शहर जहां आप रुककर अपना काम, खेल और यात्रा कर सकें। इससे निवेश और व्यापार के अवसर आकर्षित होंगे। ये पुनर्विकास स्टेशन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे और अपने यात्रा के अनुभव को बढ़ाएंगे। इसके लिए मिशन मोड में विकास को तेज करने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और व्यापार करने में आसानी से सुधार के लिए भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी), स्टेशन पुनर्विकास के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। जो स्टेशन के पुनर्विकास के लिए पुस्तिका, गाइडबुक और प्लान का एक व्यापक सेट विकसित करे। जिसमें ट्रांजिट-ओरियंटिड विकास (टीओडी) के सिद्धांतों पर रेलवे भूमि पर वाणिज्यिक विकास किया जा सके। इन प्लान को विकसित करते समय, आईआरएसडीसी ने आवास और शहरी मामलों भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडबुक के अनुसार फॉर्म-आधारित प्लान को अपनाया है। इस एजेंडे के हिस्से के रूप में 123 स्टेशनों के पुनर्विकास पर काम प्रगति पर है। इनमें से आईआरएसडीसी 63 स्टेशनों पर काम कर रहा है और आरएलडीए 60 स्टेशनों पर काम कर रहा है। वर्तमान अनुमानों के अनुसार अचल संपत्ति के विकास के साथ 123 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आवश्यक निवेश 50,000 करोड़ रुपये है।
ये है आईआरएसडीसी
भारतीय रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरएसडीसी) आरएलडीए, राइट्स और इरकॉन की संयुक्त उद्यम कंपनी है। आईआरएसडीसी भारतीय रेलवे के देश में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय 24 घंटे सातों दिन हब में बदल रहा है और नोडल एजेंसी मुख्य परियोजना विकास एजेंसी (पीडीए) को रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बदल रहा है। ये पुनर्विकास हब को ‘रेलपोलिस’ कहा जाएगा। ये बड़े निवेश और व्यापार के अवसरों को आकर्षित करेंगे। आईआरएसडीसी को सोशल मीडिया पर फॉलो करने के लिए सोशल मीडिया हैंडल (@irsdcinfo) ट्विटर, फेसबुक, पिन्टेस्टेस्ट, क्यू, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और यूट्यूब पर जाएं। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट www. irsdc.in पर जा सकते हैं।