भोपाल। बुंदेलखंड की देश में पहचान पिछड़े क्षेत्र के तौर पर है, अब इस इलाके की तस्वीर बदलने की कोशिशें तेज हो रही है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में जहां केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना खुशहाली व हरियाली लाएगी वहीं सागर में होने जा रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड क्षेत्र को केन-बेतवा परियोजना की सौगात देकर पूरे क्षेत्र के समग्र विकास के नये द्वार खोल दिये हैं। इससे कृषि के साथ-साथ औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। आगामी 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रहा है। इस कॉन्क्लेव से वीरों की धरती के रूप में विख्यात बुंदेलखंड को एक नई पहचान मिलने के साथ औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षेत्रीय अंचलों में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से निवेश में अभूतपूर्व सफलताएँ मिली हैं। इससे क्षेत्र के विकास के साथ बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी होगा। उन्होंने कहा कि म.प्र. सरकार बुन्देलखंड क्षेत्र के समग्र विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सागर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने से पहले बुंदेलखंड क्षेत्र के उद्योगपतियों से चर्चा की गई। सभी ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये व्यापक पैमाने पर निवेश के लिये सहमति दी है। देश-विदेश के उद्योगपतियों ने कॉन्क्लेव में शामिल होने और निवेश के लिये रुचि दिखाई है।
सागर संभाग में आने वाले प्रमुख जिले सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह और पन्ना में औद्योगिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू की जा रही हैं, जिससे राज्य में निवेश बढ़े और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों।
राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है। इस दिशा में सरकार द्वारा पूरे देश में रोड-शो एवं स्थानीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है, जिससे राज्य औद्योगिक केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो रहा है। राज्य सरकार के इस नवाचार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में प्रदेश महत्वपूर्ण योगदान देगा।