राहुल को देशाटन करना चाहिये .
संदीप सोनवलकर .एडिटर न्यूज मंत्रा
अब जबकि राहुल ने खुद साफ कर दिया है तो इस बात पर बहस बंद होनी चाहिये कि राहुल फिर से अध्यक्ष बनेंगे या नहीं . हां राहुल को इतना जरुर साफ कर देना चाहिये कि अब वो कोई पद नहीं लेगे लेकिन पार्टी को बनाने का काम करते रहेंगे . राहुल को इस बहस में भी नहीं उलझना चाहिये कि अगला अध्यक्ष कौन होगा उसका फैसला पार्टी पर छोड देना चाहिये .जो करना चाहिये वो ये कि संसद सत्र के तुरंत बाद देशाटन पर निकल जाना चाहिये .
शायद राहुल गांधी को अपने आदर्श महात्मा गांधी और नानी इंदिरा गांधी से सबसे पहले यही सीखना चाहिये..सबसे बडी बात राहुल को ये यात्रा या तो पैदल या सडक के रास्ते करनी चाहिये .इसमें कोई शो बाजी ना हो ना कि नारेबाजी या इवेंट मैनेंजमेट. राहुल बस सीधे पार्टी कार्यकर्ता और लोगों से मिले ताकि समझ सकें देश का मूड क्या है और गलती कहां हुयी . नहीं तो वही एंटोनी यानि अंतहीन कमेटी बनेगी जिसकी सिफारिशों का क्या होगा किसी को पता नहीं . राहुल को सबसे पहले समझना होगा कि देश का मिजाज क्या है और अब राजनीती को किस दिशा मे ले जाना है . ये सब किसी बैठक या सेमिनार या फिर रिपोर्ट से पता नही चलेगा इसके लिए तो उनको घर से निकलना ही होगा बिना किसी लागलपेट या घोषणा के . दूसरा ये समझना होगा कि भारत के सोशियो इकानामिक्स दायरे बदल गये है .अब जातियां अस्मिता या गर्व के लिए लडती है केवल आर्थिक फायदे के लिए नही और आर्थिक फायदे में लोगों की सीधे हिस्सेदारी हो खैरात बांटने का अहसास नहीं . . राहुल को दस सुझाव न्यूज मंत्रा की तरफ से
- देश में अब भी कांग्रेस को मानने वालों की कमी नही बस पार्टी को दरबारी शैली से बाहर आना होगा .
- कार्यकर्ता से सीधे संवाद और पार्टी में बदलाव के लिए तैयार रहना होगा.
- संदेश दिया जाये लडाई हारी है मनोबल नहीं टूटा
- छोटे छोटे मुददों और सीधे जनता के मुददों पर बात हो .
- विचारधारा की बात केवल पदाधिकारियों से हो जनता से नही .जनता को रिजल्ट चाहिये
- राष्ट्रीय मुददो पर बस हिंदी या क्षेत्रीय भाषा में बात हो. जो प्रवक्ता कहे कि हिंदी कमजोर हो उससे बोले घर बैठो .
- राष्ट्रीय मुददे ही देश नही चलाते लोगों की क्षेत्रीय भावनायें भी है.
- कांग्रेस कार्यकर्ता सच में सेवादल बने केवल सत्ता के खिलाडी नहीं .
- ये संदेश दें कि पार्टी केवल पैसों से नहीं चलती कमिटमेंट से चलती है
- सुरक्षा घेरे और चौकडी से निकले .