राहुल की टीम नेताओं से पूछ रही साफ करें किसके साथ लोकसभा चुनाव की हार के बाद झल्लाये राहुल गांधी ने भले ही पार्टी अध्यक्ष पद छोड दिया है लेकिन असल बात ये है कि वो अंदरखाने में नयी कांग्रेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं. राहुल गांधी के दफ्तर से सचिन राव और दो अन्य पदाधिकारी लगातार पार्टी के युवा नेताओं से बात कर रहे हैं और उनको कह रहे है कि जल्दी ही राहुल की वापसी होगी.
सूत्रों की मानें तो राहुल दो राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों का इंतजार कर रहे हैं ताकि वो साबित कर सकें कि कांग्रेस में कुछ लोग हैं जो पार्टा का भला नहीं चाहते . राहुल दरअसल पार्टी में पूरी खुली छूट मांग रहें है ताकि वो पुराने कांग्रेसियों को दरकिनार कर अपनी टीम ला सके .
अंदर की बात ये भी है कि मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरुपम पार्टी छोडकर कहीं नही जा रहे बल्कि उनको राहुल कैंप से शह मिली है कि वो मल्लिकार्जुन खरगे जैसे वरिष्ठ नेता पर हमला कर सके तभी तो खरगे ने संजय के पहले ही बयान के बाद उनको निकालने और नोटिस देने का आदेश दिया था . लेकिन दिल्ली से हरी झंडी नहीं मिली .
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार दिसंबर में जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा तो युवा नेताओं की तरफ से फिर से राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनाने की मांग होगी . राहुल थोडी ना नुकुर के बाद मान जायेंगे.
दरअसल राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के बाद से ही मान रहे है कि वो तो ईमानदार कोशिश कर रहे है लेकिन पार्टी में कई नेता ऐसे है जो उनकी बात को नहीं मानते .. राफेल डील को लेकर तो राहुल अच्छी तरह मानते है कि ये मुददा बन सकता है लेकिन पार्टी के कई बडे नेता इसे मुददा मानने ही तैयार नहीं .
कांग्रेस के पूर्व मंत्री के अनुसार राहुल ने इस्तीफा सोच समझकर दिया है ताकि जब लौंटे तो उनको खुली छूट हो और इस दौरान वो नेता सामने आ जाये जो उनके विरोधी है.
वरिष्ट नेता के अनुसार संजय निरुपम ने राहुल की टीम को दरकिनार करने का बयान सोच समझकर ही दिया है .इसे
राहुल की टीम से बातचीत के बाद का बयान बताया जा रहा है .
राहुल के दफ्तर से अब भी चुनाव की पूरी तैयारी और उसके डिटेल्स लिये जा रहे है . राहुल गांधी की टीम खासतौर पर उन युवा नेताओं पर ध्यान दे रही है जो 1990 के दशक में युवा कांग्रेस में किसी ना किसी पद पर रहे हैं .राहुल ने देश भर के ऐसे 47 युवा नेताओं की लिस्ट बनायी है जिनको नयी कांग्रेस में जिम्मेदारी दी जायेगी .इसी तरह हरियाणा में भी राहुल के करीबी रहे अशोक तंवर को अध्यक्ष पद छोडने कह दिया गया लेकिन तंवर किसी नयी पार्टी मे नहीं जा रहे . राहुल की वापसी के साथ ही उनकी भी वापसी होगी .
कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री जो महाराष्ट्र में प्रचार के लिए आये है उनका मानना है कि दरअसल राहुल को लगता है कि अब भी पार्टी के पुराने नेता अहमद पटेल . मल्लिकार्जुन खरगे . गुलाम नबी आजाद .अंबिका सोनी .आनंद शर्मा और दिगिवजय सिंह जैसे नेता सोनिया गांधी के लायल है और ये लोग जानबूझकर राहुल के ऐजेंडे को चलने नही देते .
राहुल ने पार्टी की वर्किंग कमेटी में भी इस सवाल को उठाया था और कहा था कि उन लोगों का कुछ नही हुआ जो चुनाव हराने मे लगे रहे .. राहुल को इस बात का भी गुस्सा है कि उनके इस्तीफे के बाद किसी बडे कांग्रेसी नेता ने इस्तीफा नही दिया .