विग्नेश्वर मंदिर उर्फ़ विघ्नहर गणपति मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। भगवान गणेश गजमुखी और बुद्धि के देवता है। यह मंदिर भारत के महाराष्ट्र में बने भगवान गणेश के अष्टविनायको में से एक है। यहाँ भगवान गणेश के विघ्नेश्वर रूप की पूजा की जाती है।
भगवान गणेश के अष्टविनायको में ओज़र का गणेश मंदिर सांतवे स्थान पर आता है, कई बार श्रद्धालु पांचवे स्थान पर ही इस मंदिर के दर्शन कर के लिए आते है।
मंदिर में भगवान गणेश से जुड़े सभी उत्सव मनाए जाते है। जिनमे मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी और गणेश जयंती शामिल है। इसके साथ-साथ मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा को 5 दिनों तक चलने वाले एक उत्सव का भी आयोजन किया जाता है।
मुद्गल पुराण, स्कंद पुराण और तमिल विनायक पुराण के अनुसार : राजा अभिनन्दन ने एक बलिदान दिया, जिसमे उन्होंने देवराज इंद्र को कुछ भी प्रस्तुत नही किया। व्यथित होकर इंद्र ने काल (समय/मृत्यु) को उनके बलिदान को ख़त्म करने का आदेश दे दिया।
इसके बाद काल ने असुर विघ्नसुर का रूप लिया, जो बलिदान की प्रक्रिया में बाधा बनकर खड़ा हुआ। इसी के साथ उसने ब्रह्माण्ड का भी नाश करना शुरू किया, बलिदान में बाधा बनने के साथ-साथ वह दूसरो को भी क्षति पंहुचा रहा था।
फिर संतो ने परेशान होकर मदद के लिए भगवान शिव और ब्रह्मा को प्रार्थना की, जिन्होंने संतो को भगवान गणेश की पूजा करने के लिए कहा।
सन्यासियों की प्रार्थना सुनकर भगवान गणेश से असुर राजा से युद्ध की शुरुवात की, जिसमे असुर को जल्द ही इस बात का एहसास हो चूका था की वह गणेश को पराजित नही कर सकता और इसीलिए उसने किसी को हानि न पहुचाने का वादा किया। तभी से भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
पराजय के बाद विघ्नसुर ने भगवान गणेश को अपना नाम धारण करने की प्रार्थना भी की और कहा जाता है की तभी से इस मंदिर को विघ्नेश्वर मंदिर कहा जाता है। मंदिर में हमें विघ्नेश्वर के रूप में भगवान गणेश की प्रतिमा देखने मिलती है।