बदले बदले से सरकार नजर आते है
बिहार चुनाव के पहले चरण के बाद साफ नजर आ रहा है कि इस बार डबल इंजन यानि बीजेपी और एलजेपी की सरकार के लिए रास्ता आसान नजर नहीं आ रहा है . बहुत से लोग जो अब तक लालू विरोध के नाम पर नितीश का साथ दे रहे थे वो भी अब सवाल पूछने लगे है कि बीते पांच साल में नीतीश ने क्या किया . यही वजह है कि बीजेपी और नीतिश दोनों के ही तेवर बदले नजर आ रहे है. बिहार से आने वाले केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तो एक इंटरव्यू में ये तक कह दिया कि तेजस्वी की सभा में ज्यादा भीड आने से क्या होता है वोट तो नीतिश को ही मिलेगा . कम से कम इतना तो मान ही लिया कि तेजस्वी का जलवा हो रहा है .
असल में पीएम मोदी भी मानने लगे है कि नीतिश के खिलाफ लगातार एंटी इनकमबेंसी है और लोग सड़क पानी बिजली के साथ साथ रोजगार और मंहगाई पर भी सवाल पूछ रहे
है .इसलिए तो मोदी बार बार लालू यादव के जंगलराज की याद दिला रहे है .जाहिर है मोदी के ये बोल उनके डर को दिखा रहे हैं. पहले दौर में केवल 54 फीसदी वोटिंग ये दिखा रही है कि बीजेपी और नीतिश के वोटर बहुत कम ही निकले है . कम वोटिंग की वजह ये भी है कि जो लोग नीतिश के विरोध के बावजूद तेजस्वी को वोट नहीं देना चाहते वो कम ही निकले है.
अब दूसरे दौर की वोटिंग में असली लड़ाई चंपारण की है जहां बडे बदलाव हो सकते हैं. गोविंदगंज सीट पर निर्दलीय सर्वेश तिवारी जीत सकते है क्योंकि लोग बदलाव तो चाहते है लेकिन साथ ही ऐसा उम्मीदवार भी चाहते हैं जो साफ सुथरा हो . यहां पर एलजेपी ने विधायक राजन तिवारी को ही मौका दिया है तो कांग्रेस ने रेप आरोपी ब्रजेश पांडे को टिकट देकर अपनी जमीन खो दी है. बीजेपी उम्मीदवार भी एलजेपी का ही वोट खायेंगे. ऐसे में बहुकोणीण मुकाबले में लोग सर्वेश को पसंद कर रहे हैं.
बिहार में नीतिश भी बहकने लगे है .एक सभा में तो नीतिश ने लोगों से ये तक कह दिया कि वोट देना हो तो देना या मत देना लेकिन शोर मत करो .साफ है कि नीतिश को भी समझ में आ गया है कि इस बार बीजेपी ने अंदरखाने उनको हराने की तैयारी कर ली है.