महाराष्ट्र में कोरोना का कहर अफ़सरो पर भी कहर बनकर बरपा है। मुम्बई में सचिव स्तर के अफसरों की सबसे बड़ी बिल्डिंग यशोधन में 26 कोरोना पोजिटिव केस मिलने से हड़कंप है। अब सरकार के क़ई अफसर घरों में बंद है और डर के साये में जी रहे हैI
सबसे ताजा मामला बीएमसी में एडीशनल कमिश्नर प्राजक्ता लवंगरे का है। वो पूर्वी मुम्बई में कोरोना का काम देख रही थी लेकिन खुद को कोरोना हो गया । अब वो भो भर्ती है।कुल मिलाकर अब तक 12अफसर और उनके स्टाफ के 14 लोग कोरोना की चपेट में आ गए है।।अब ये सवाल उठने लगा है की जब एक ही बिल्डिंग में इतने सारे केस तो उसे सील क्यों नहीं किया जा रहा जबकी आम तौर पर कही एक भी केस आ जाये तो पूरा इलाका या बिल्डिग सील कर देते है।यशोधन में रहने वाले अफसर भी मानते है की बिल्डिंग सील नही होने का बुरा असर हो रहा है।
असल मे अफसरों को काम वाली बाई और ड्राइवर की आदत नही छुटी। ये दोनो स्टाफ भी सर्वेन्ट क्वार्टर में यशोधन में ही रहते है।।ये लोग दिन भर बिल्डिंग में और बाहर आते जाते रहते है ।इसलिए कहा से इंफेक्शन आया कोई कह नही सकता । अफसरों की बिल्डिंग में दो हफ्ते पहले दो केस आये थे लेकिन अफ़सोस की अफसरों के डर से बीएमसी ने कुछ बड़ा नही किया अब पूरी बिल्डिंग ही प्रभावित है।
यही हाल मुम्बई पुलिस का भी है अब तक 1500 से ज्यादा पुलिस कर्मी चपेट में आ चुके है और 33 की मौत हो चुकी है।क़ई आईपीएस अफसर भी यशोधन में रहते है जिनको कोरोना का खतरा है।
यशोधन बिल्डिंग मुम्बई के नरीमन पॉइंट से सटे दिनशा वाचा मार्ग पर है और सामने ही सबसे बेहतरीन क्लब सीसीआई भी है। मंत्रालय से बहुत करीब और बेहतरीन लोकेशन पर है इसलिए बड़े अफसरों की पसंद है।लेकिन यही अब मुसीबत बन गयी है ।