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सर्दी के मौसम में ऊनी वस्त्रों का कैसे रखें ध्यान आइए जाने वाशक्राफ्ट को को फाउंडर शिल्पी गुप्ता से

 

नोएडा: नवंबर के साथ ही हल्‍की सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। यही समय है जब गर्मी के कपड़ों को अलमारियों में रखकर लोग सर्दी के कपड़े निकालते हैं। जहां कुछ लोग ऊनी कपड़ों को धूप लगाते हैं, वहीं कुछ लोग इसलिए धूप में नहीं डालते कि ऊनी कपड़ों का रंग न फीका हो जाए। कई बार महंगे वूलन क्‍लॉथ्स को लोग खराब होने के डर या कन्‍फ्यूजन के चलते लोग घर पर नहीं धोते और ड्राईक्‍लीन के लिए भेजना सही समझते हैं। अगर आपको भी इस बात का कन्‍फ्यूजन रहता है कि वूलन कपड़ों को घर पर धोएं या ड्राई क्‍लीन कराएं तो आज आपकी इस समस्‍या का समाधान हो जाएगा।

चूंकि वूलन कपड़े मोटे धागे यानि ऊन के बने होते हैं, फिर चाहे वो पहनने वाले स्‍वैटर या स्‍कार्फ हों या मोटे ऊनी कंबल और रजाई हो। कई बार लोग ऊनी कपड़ों को सीजन में एक या दो बार ही धोते या ड्राई क्‍लीन कराते हैं, क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि ऊनी कपड़े जल्‍दी गंदे नहीं होते लेकिन यह सच नहीं है। संभव है कि ऊनी कपड़े गंदे दिखाई न दें लेकिन इन पर भी बैक्‍टीरिया, प्रदूषण के कण, धूल और मिट्टी उसी तरह जमा हो सकते हैं जैसे गर्मी के कपड़ों पर जमा होते हैं और बीमारियां फैला सकते हैं। इसलिए वूलन कपड़ों को भी सफाई की उतनी ही जरूरत होती है जितनी अन्‍य कपड़ों को होती है।

ऊनी कपड़ों को धोएं या ड्राई क्‍लीन कराएं
जहां तक सवाल है कि वूलन कपड़ों को घर पर धोना चाहिए या ड्राई क्‍लीन करानी चाहिए तो आइए जानते है ड्राई क्‍लीनिंग स्‍टार्टअप वॉशक्राफ्ट की को फाउंडर शिल्‍पी गुप्‍ता से।

वो बताती है कि ऊनी कपड़ों को आसानी से घर पर धोया जा सकता है। इन्‍हें इस तरह साफ करना सुरक्षित भी है। घर पर ऊनी कपड़ों के लिए आने वाले लिक्विड डिटर्जेंट में भिगोकर तुरन्त इन्‍हें हल्के हाथ से साफ करने से ऊनी कपड़ों को कोई नुकसान नहीं होता है। घर पे धोने से पहले वाश केयर लेबल जरुर चैक करना चाहिए। अगर कोई कन्फ्यूजन हो तो ड्राई क्लीनर से जरुर सलाह लें।

जहां तक ड्राई क्‍लीनिंग की बात है तो सिर्फ कुछ ऊन के बने कपड़ों को ही ड्राइ क्‍लीनिंग की जरूरत होती है।इनमें पश्‍मीना इत्यादि ऊन से बने कपड़े आते हैं। अगर आपके स्‍वैटर, शॉल यानि पश्‍मीना या बेहद महंगे हल्‍के वूलन फैब्रिक के हैं तो उसे जरूर ड्राई क्‍लीन कराएं। बाजार में मिलने वाले नॉर्मल के स्‍वैटर या शॉल को उनके वाश केयर लेबल के अनुसार आराम से घर पर भी धो सकते है।

शिल्‍पी कहती हैं कि लोग ऊनी कपड़ों को इसलिए भी ड्राईक्‍लीन कराते हैं कि उन्‍हें लगता है कि घर पर वूल को धोने से यह खराब हो जाएगा जबकि ऊनी कपड़ों को धोने से ज्‍यादा सुखाने में सावधानी की जरूरत होती है।आप इन्‍हें घर पर धोकर भी सावधानी से फ्लेट लेवल सुखाते हैं तो इन कपड़ों का साइज नहीं खराब और ये सालों साल ऐसे ही बने रहेंगे।

अगर आप के पास समय का अभाव है तो कोई भी प्रोफेशनल ड्राई क्लीनर जिसके पास सारी सुविधाएं हैं, उनकी मदद जरुर लेनी चाहिए।

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