कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला गैंगेस्टर विकास दुबे पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
पुलसिया कहानी है कि विकास दुबे को कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई थी. तो पुलिस की बंदूक छीनकर विकास भागने कोशिश कर रहा था. इसी दौरान पुलिस ने कुख्यात अपराधी को मार गिराया. पुलिस का कहना है कि उसने पुलिस की टीम पर कई गोलियां दागी, जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं. इस मुठभेड़ में घायल होने के बाद विकास को अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
विकास को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महाकाल के दर्शन करने पहुंचा था. गार्ड द्वारा पहचाने जाने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. मध्य प्रदेश पुलिस ने कल रात ही उसे उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया था.
विकास के मरने के साथ ही वो सारे सवाल और जवाब भी खत्म हो गए जिनसे पता चलता की उसे कौन कौन मदद कर रहा है।।यूपी पुलिस पर सब कुछ फिल्मी अंदाज में करने का आरोप।लग रहा है । सपा के अखिलेश यादव का कहना है कि जीप पलटी नही पलटाई गई नही तो सरकार पलट जाती अगर विकास खुलासे करता तो।
इस पूरे प्रकरण ने उत्तर प्रदेश पुलिस की हालत को उधेड़ कर रख दिया है। सब साफ हो गया कि खाकी और खादी मिलकर सब कर रहे है।विकास जैसे मोहरे जब सिस्टम के खिलाफ जाने लगते है तो खत्म कर दिए जाते है। इस पर अब राजनीति होगी।।कुछ सवाल होंगे फिर सब भूल जाएंगे ।
इसके पहले कल आठ पुलिस कर्मियों को भून देने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे आखिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था । मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि भी कर दी है।।विकास पिछले 6 दिन से फरार था और उस पर पांच लाख का इनाम था।
लेकिन विकास जिस ड्रामे के साथ पकड़ा गया उससे पहला सवाल तो यही बनता है कि वो पकड़ा गया या सोच समझकर उसने एम पी में सरेंडर किआ क्योंकि पकड़े जाने से पहले उसने बाकायदा महाकाल की पूजा की और फिर खुद ही बाहर आकर चीखा की मै विकास दुबे हूं तब चौकीदार ने उसे पकड़ लिया और फिर पुलिस बुलाई गई।
विकास की।पटकथा में सब तय था लेकिन उसने उज्जैन में सरेण्डर कर खेल बिगाड़ दिया था । इसलिये उसको एसटीएफ बिना रिमांड के up ले गई जहाँ वो मारा गया ।