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खरगे और निरुपम की लडाई में पिस रही मुंबई कांग्रेस

MUMBAI: ऐसा लगता है कि कांग्रेस के पूर्व मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम अब कांग्रेस छोडने पर उतारु है तभी तो जो निरुपम राफेल घोटाले को लेकर सबसे सक्रिय रहे वही अब अपने नेता मल्लिकार्जुन खरगे को लगातार निशाना बना रहे हैं . दरअसल मुंबई की वर्सोवा सीट पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार रईस लष्कारिया को टिकट नहीं दिये जाने से इतने नाराज है कि पहले तो खुलकर राहुल की टीम को दरकिनार करने का आरोप लगाया और अब वो सीधे महासचिव खरगे पर हमला कर रहे हैं.जब कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने राजनाथ सिंह के पहले राफेल विमान की पूजा करने को नाटक कहा तो उनको भी शायद पता नही होगा कि इसे हिंदू पूजा से जोड दिया जायेगा . वो तो निरुपम ने ट्वीट कर खरगे को नास्तिक कह दिया तो बीजेपी ने इसे लपक लिया .

खुद अमित शाह तक कहने लगे कि क्या पूजा करना गलत है या खरगे पूजा विरोधी है. पहले से ही एंटी हिंदू टैग से परेशान कांग्रेस के लिए मुंबई कांग्रेस की ये लडाई भारी पड सकती है. दरअसल खरगे के परिवार ने बौदध धर्म अपना लिया है और वो मूर्ति पूजा के विरोधी है . जाहिर है संजय ने इसे हवा दे दी है. अब संजय खुद भी खरगे की कुंडली निकालने में लगे है ताकि पूरे चुनाव में एक एक करके हमला कर सकें.

दरअसल राजनाथ सिंह ने भारत को मिलने वाले पहले राफेल की दशहरे के दिन पूजा करके इसे एक नया मोड दे दिया . यहां तक कि विमान पर ओम बनाया गया और मंत्रोच्चार के साथ उसकी पूजा की गयी .संदेश तो भारतीय मतदाता को था कि मोदी सरकार हिंदू परंपरा को मानती है. लेकिन खरगे के बयान और निरुपम के पलटवार के कांग्रेस इसमे उलझ गयी . होना तो ये चाहिये था कि कांग्रेसी आरोप लगाते कि पहले राफेल घोटाले का सच सामने लाया तब पूजा हो लेकिन उल्टा हो गया अब कांग्रेसी सफाई देते फिर रहे हैं.

खरगे ने तो अपने अंदाज में यही कहा था कि इस तरह का तमाशा करने की जरुरत नही थी जब हम बोफोर्स लाये थे तब तो किसी ने ऐसा नही किया था . हमारी एयरफोर्स ही बतायेगी कि ये बेहतरीन या नही लेकिन ये लोग बस उसमे बैठकर फोटो खिंचवा रहे हैं.
अंदर की बात ये है कि खरगे ने खुद मौजूदा अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड से बात करके निरुपम को नोटिस तो भिजवा दिया है लेकिन राहुल गांधी के देश में नहीं होने के कारण वो तय नहीं कर पा रहे कि आगे क्या करें . इधर निरुपम चुनाव में पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार है ताकि कह सके कि उन्होने तो पहले ही कहा था कि टिकट ठीक से नही बांटी गयी. अब कांग्रेस को अगर संभलना है तो तुरंत कोई कडा और बडा संदेश देना होगा . वरना इसका नुकसान पूरे चुनाव में होता रहेगा .संजय रोज जवाब देंगे और वहीं अखबारों की सुर्खिया बनेगी. क्योंकि भाजपा शिवसेना के गठबंधन के कारण वहां मीडिया को मसाला नही मिल रहा है .

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