भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, निचली बस्त्यिों में पानी भरने के साथ नदी-नाले उफान पर है और बांधों का जल स्तर बढ़ने पानी की निकासी करना पड़ रही है। बारिश के चलते बिगड़े हालात के दौरान आमजन की परेशानी को कम किया जाए इसको ध्यान में रखकर अधिकारियों और कर्मचारियों से अवकाश पर न जाने की हिदायत दी गई है। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव हालात पर नजर रखे हुए है और अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे है।
प्रदेश में बारिश का क्रम जारी है। राज्य में इस वर्षो काल में 11 सितम्बर तक 991.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है यह औसत से 14 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 12 जिलों राजगढ़, खरगोन, भोपाल, सिवनी, मंडला, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, शिवपुरी, सिंगरौली, नीमच, अलीराजपुर, ग्वालियर और गुना में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आगामी दो दिनों में भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है। इसके बाद वर्षा में कमी की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा भिंड, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर कला, आगर-मालवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी और राजगढ़ में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 54 में से 31 बांधों के गेट खुले हैं। विभिन्न जिलों में राहत शिविर संचालित हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक वर्षा की संभावना है। अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएं। अतिवर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसके लिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
बताया गया है कि दतिया जिले के भांडेर के निकट पोहुच नदी में 18 लोग फंसे हैं, डबरा में भी लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना है। मुरैना में पेड़ के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मृत्यु और तीन लोगों के घायल होने का समाचार है। ब