मध्यप्रदेश के धार जिले के बाग क्षेत्र की परंपरागत बाग प्रिंट हस्तकला ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। शिल्प गुरु और गोल्ड मेडलिस्ट मोहम्मद यूसुफ खत्री ने हाल ही में जापान में आयोजित कई कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की परंपरागत बाग प्रिंट की कला का प्रदर्शन किया, जिसने जापान के लोगों का दिल जीत लिया।
12 से 20 अक्टूबर 2024 के बीच ओसाका, क्योटो और साकाई जैसे प्रमुख शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में उन्होंने जापान के लोगों को इस कला की बारीकियां सिखाईं। ओसाका से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोबे में आयोजित ‘इंडिया मेला’ में तीन दिनों तक बाग प्रिंट कला का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बच्चों और पर्यटकों ने बाग प्रिंट के गुर सीखे और गहरी दिलचस्पी दिखाई। जापान के लोगों ने बाग प्रिंट कला को न केवल पसंद किया, बल्कि इसके प्रति गहरी रुचि भी दिखाई। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।
खत्री ने वाकायामा शहर के म्यूजियम ऑफ मॉर्डन आर्ट में जाकर फाइन आर्ट के विद्यार्थियों और डेलीगेट्स को बाग प्रिंट की विशेषताओं से अवगत कराया। इसके बाद 17 अक्टूबर को क्योटो के कोकोका क्योटो इंटरनेशनल कम्युनिटी हाउस में भी उन्होंने बाग प्रिंट की मास्टर क्लास ली। साकाई शहर के मीना साकाई पार्क में उन्होंने स्थानीय लोगों को इस कला का प्रशिक्षण दिया, जिसे काफी सराहना मिली। प्रशिक्षण के दौरान लोगों ने बाग प्रिंट की तकनीक से रूमाल भी बनाए।