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कैबिनेट ने सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए पीएम ई-बस सेवा को दी मंजूरी, उन शहरों को प्राथमिकता जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं

कैबिनेट ने सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए पीएम ई-बस सेवा को दी मंजूरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र प्रदान करेगा। यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी जिसमें केंद्रशासित प्रदेशों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों की सभी राजधानी शामिल हैं।
इस योजना के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इस योजना के तहत लगभग 10,000 सिटी बसें चलाई जाएंगी जिससे 45,000 से 55,000 तक प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। स्वीकृत बस योजना के माध्यम से पहले चरण में 169 शहरों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन का विस्तार किया जाएगा। इससे जुड़ी बुनियादी संरचना से डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और उन्नयन में सहायता मिलेगी और ई-बसों के लिए बिहाइंड द मीटर विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर (सबस्टेशन) आदि का निर्माण संभव होगा।

दूसरे चरण में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत 181 शहरों को कवर किया जाएगा। योजना के तहत राज्य अथवा नगर इन बस सेवाओं के संचालन और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे। केंद्र सरकार प्रस्तावित योजना में निर्दिष्ट सीमा तक सब्सिडी प्रदान करके बस संचालन का समर्थन करेगी। यह योजना ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और बिहाइंड द मीटर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करेगी। शहरों को ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी समर्थन दिया जाएगा। इससे न केवल अत्याधुनिक ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बसों के प्रसार में तेजी आएगी, बल्कि ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सशक्त आपूर्ति श्रृंखला के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना में ई-बसों का समूह तैयार करने को लेकर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए व्यापक तौर पर अर्थव्यवस्था को भी अनुकूल बनाने की जरूरत होगी। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने से ध्वनि और वायु प्रदूषण कम होगा और कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगेगा। ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

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