मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप मामले में पुलिस ने शनिवार देर रात इंदौर के एक कारोबारी से जुड़े नाइट क्लब समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस का दावा है कि इस छापेमारी में 67 महिलाओं और सात बच्चों को छुड़ाया गया है।
पुलिस ने बताया कि एमआईजी, पलासिया और कनाड़िया के पुलिस थानों में अलग-अलग आरोपों में एफआईआर दर्ज हुई हैं। मीडिया समूह का अखबार हनी ट्रैप मामले से जुड़ी जानकारी पिछले कई दिनों से प्रकाशित और प्रसारित कर रहा था।
इस बीच, इंदौर प्रेस क्लब और प्रदेश के अन्य पत्रकार संगठनों ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को डराने का सरकारी प्रयास करार दिया है। पत्रकार सोशल मीडिया पर भी इस कार्रवाई का विरोध जता रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि हनी ट्रैप मामले के शिकायतकर्ता और इंदौर नगर निगम के निलंबित इंजीनियर के कहने पर अखबार में छपी खबर को लेकर आईटी एक्ट के तहत संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अखबार ने उनकी निजता का हनन किया है।
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था. गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से 18 एवं 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया. गिरोह पर आरोप है कि वह अपने जाल में फंसे धनी एवं रसूखदार लोगों के साथ अंतरंग पलों का वीडियो बनाने के लिए कैमरे लिपस्टिक कवर और चश्मों में छुपाकर रखते थे. फिर इन्हीं वीडियो की मदद से धनी एवं रसूखदार लोगों को ब्लैकमेल करता था.
जीतू सोनी अपने अखबार लोकस्वामी और चैनल पर पिछले कुछ दिनों से हनीट्रैप से जुड़े ऑडियो और वीडियो प्रकाशित और प्रसारित कर रहे थे. एसडीएम राकेश शर्मा, सीएसपी ज्योति उमठ के साथ प्रशासन, पुलिस, आबकारी, नगर निगम, फूड और बिजली कंपनी के अफसर पूरी रात तक जांच करते रहे, जिसमें कई दस्तावेजों के अलावा 67 लड़कियां भी पकड़ी गईं.