newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Mantra ViewSports

२० साल के आनंद ने कॉमरेडस रन में किया कमाल

हर रनर की ख्वाहिश होती है की वह एक बार दक्षिण अफ्रीका में होनेवाले कॉमरेड्स रन में शामिल हो. हर साल भारत के कोने कोने में बसे दौड़वीर कॉमरेड्स रन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाते है. इस साल मुंबई के रहनेवाले २० साल के नौजवान आनंद दीपक लोंढे ने कमाल कर दिया, दक्षिण अफ्रीका की इस रेस में सबसे छोटी उम्रमें कॉमरेड्स डांस करनेवाले रनर आनंद बन गए
कॉमरेड्स मैराथन, जिसे अक्सर अल्टीमेट ह्यूमन रेस के रूप में संदर्भित किया जाता है, अपने चुनौतीपूर्ण इलाके, मांग वाली पहाड़ियों और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति के लिए प्रसिद्ध है।

पीटरमैरिट्सबर्ग से डरबन तक 87 किलोमीटर (लगभग 54 मील) की आश्चर्यजनक दूरी तय करते हुए, कॉमरेड्स मैराथन एथलीटों का शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परीक्षण करती है। इसे व्यापक रूप से दुनिया के सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन में से एक माना जाता है। इस भीषण दौड़ को पूरा करने में आनंद लोंढे की उल्लेखनीय उपलब्धि से भारत का नाम दक्षिण आफ्रिका में रोशन हुआ है। आनंद ने महज १०:२७:४९ सेकण्ड में ख़तम किया।

इस बार कॉमरेड्स रन में अप हिल होने के कारण ३८ किलोमीटर की ठोस चढ़ाई सामिल थी. इस साल २३००० स्पर्धको ने इसमें हिस्सा लिया भारत की तरफ से सबसे कम उम्रवाले रनर बने आनंद का कहना है की पिछले ६ महीने से वह इस रेस के लिए ट्रेनिंग ले रहे थे। इसके लिए उन्होंने दो बार लोनावला में ५० किलोमीटर और ६५ किलोमीटर का प्रेक्टिस रन किया.,अब तककी यह उनकी सबसे लम्बी रेस रही है। साथ ही पहली इंटरनेशनल रन। आनंद का कहना है की २० साल की उम्र में विश्व की सबसे कठिन मेरेथॉन में दौड़ने का अनुभव सुखद रहा। वही आनंद के पिता दीपक लोंढे का कहना है की पिछले ६ महीने से आनंद की ट्रेनिंग चल रही थी। कभी नहीं सोचा था की वह इतनी कम उम्र में कॉमरेड्स रन करेगा कॉमरेड्स मेरेथॉन पहली बार 24 मई 1921 को हुई थी तब से लेकर आजतक ये मेरेथॉन जारी है, विश्व की सबसे पुरानी रेस में से यह एक है द्रितीय विश्व युद्ध के दौरान एक ब्रेक के साथ -साथ कोविड-19 महामारी से प्रभावित 2020 और 2021 को छोड़कर, हर साल यह मेरेथॉन हुई है । आज तक, 300,000 से अधिक धावक दौड़ पूरी कर चुके हैं। इस मैराथन के दौरान जो माहौल होता है, वह धावकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होता है। रेस के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा टेंट लगाए जाते हैं। जहां वह खाने पीने की सामग्री मुहैया कराते है। जिससे धावकों को रेस पूरी करने में सहूलियत हो। मैराथन के दौरान रास्ते में किसी को चक्कर आने की हालत में तुरंत का मदद पहुंचाने का पूरा बंदोबस्त होता है।

Related posts

इंटरनेशनल लेवल का बनेगा अंधेरी रेलवे स्टेशन

Newsmantra

Kerala tells those quarantined for Coronavirus

Newsmantra

HE IS THE GREATEST ONE-DAY CRICKETER OF ALL TIME : MICHAEL CLARKE ON VIRAT KOHLI

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More