गरीब प्रवासी मजदूरों की घर वापसी पर अभिनेता सोनू सूद की आलोचना कर घिरी शिवसेना ने देर रात डैमेज कंट्रोल भी कर दिया . सामना में सोनू की आलोचना के बाद जब चारों तरफ से हमले होने लगे तो रविवार रात आननफानन में सोनू सूद की ठाकरे परिवार से मुलाकात करा दी गयी .इतना ही नही इस मुलाकात की फोटो भी जारी कर दी गयी ताकि संदेश जाये कि ठाकरे परिवार सोनू का विरोधी नहीं है .
दरअसल सामना ने सोनू को महात्मा सूद कहते हुए उनकी खिल्ली उडायी थी और संपादक संजय राउत ने लिखा था कि सोनू अभिनेता है और बीजेपी के कहने पर मजदूरों की मदद का ड्रामा करके शिवसेना सरकार को बदनाम कर रहे है .शिवसेना ने ये भी याद दिलाया था कि सोनू का एक बार कथित स्टिंग आपरेशन हुआ था जिसमें वो पैसे लेकर बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमोशन के लिए तैयार थे .
सामना के इस हमले के बाद चौतरफा से शिवसेना की खिंचाई होने लगी क्योंकि ये सबने देखा कि सोनू ने बिना किसी प्रचार और मदद के अपने ही लोगों की सहायता से करीब 35 हजार प्रवासी मजदूरों की अब तक वापसी करायी है . सोनू ने एक बार भी कही सरकार की आलोचना नहीं की तो फिर शिवसेना को मिर्ची क्यों लग गयी .
दरअसल भाजपा की स्मृति ईरानी और फिलमकार अशोक पंडित अनुपम खेर जैसे लोगो ने सोनू के काम की टवीट कर तारीफ कर दी तो शिवसेना को ये बीजेपी की साजिश नजर आने लगी . लेकिन यही शिवसेना से चूक हो गयी है . कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने तो ये तक कह दिया कि शिवसेना ना तो खुद काम कर रही है ना करने दे रही है . जाहिर है जब चारों तरफ से मीडिया में थू थू होने लगी तो शिवसेना को कदम पीछे खीचंने पडे .