मुंबई से बिहार जा रहे कार्यकर्ता
पहली बार ऐसा हो रहा है कि चुनाव बिहार में है और बीजेपी -कांग्रेस दोनों का चुनाव की तैयारी मुंबई से हो रही है . बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस को प्रभारी बनाया है तो कांग्रेस ने अविनाश पांडे को कमान दी है. दोनों ही महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में वार रुम के प्रभारी थे इसलिए दोनों ही जानते है कि चुनाव कैसै लडा जाये.
फणनवीस ने बीजेपी उत्तरभारतीय सेल के प्रभारी संजय पांडे को कार्यकर्ता तैयार करने और उनको अलग अलग जगह भेजने कहा है . मुंबई के साय़न,दादर .माटुंगा. कांदिवली मलाड और ठाणे में सबसे ज्यादा बिहारी रहते है इन्ही में से बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को भेज रही है . इतना ही नहीं बीजेपी ने महाराष्ट्र में काम कर रही श्वेता शालिनी और निधि कामदार की लीडरशिप में सोशल मीडिया की टीम बनायी है जो मुंबई से सोशल मीडिया पर थर्ड पार्टी की तरह काम करेगी . इतना ही नहीं वर्चुअल रैली के लिए मुंबई से ही बीजेपी ने खासतौर पर डिजीटल वेन बनवाई है तो गांव गांव जाकर टीवी स्क्रीन पर प्रचार करेंगी .
उधर कांग्रेस ने भी कई कार्यकर्ताओं की डयूटी बिहार में लगायी है .अब संजय निरुपम को भी प्रचार समिति में लिया है इसलिए वो मलाड कांदिवली से कार्यकर्ताओं को लेकर बिहार जा रहे है. निरुपम कांग्रेस का मुंबई में उत्तरभारतीय चेहरा रहे हैं. निरुपम ने पार्टी को ये भी सलाह दी है कि बिहार के मतदाताओं को मुंबई से ले जाने के लिए भी इंतजाम किया जाये .मुंबई में करीब 15 लाख बिहारी रहते है. इस बार संयोग है कि कोविड के कारण लोग पहले ही घर पर चले गये हैं. कांग्रेस प्रवासी बिहारियों के साथ हुए बर्ताव को मुददा बनायेगी और कहेगी कि नितीश कुमार ने ही लोगों को घर वापसी में रोडे अटकाये .
इतना ही नहीं बीजेपी ने बिहार चुनाव से पहले सुशांत राजपूत को चुनावी मुददा बनाने की कोशिश की लेकिन अब इसकी हवा निकल गयी है तो कांग्रेस के नेता कह रहे है कि बीजेपी बिहारी बनाम मराठी करने में नाकाम रही .