लोकसभा की सीटों के हिसाब से महाराष्ट्र देश में उत्तरप्रदेश के बाद आता है और इसलिए भाजपा के रणनीतिकार यहां से अधिकतम सीट जीतने की कोशिश में लगे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष और सचिव विनोद तावड़े लगातार बड़े चेहरों की तलाश कर रहे हैं. पार्टी ने देश भर में कम से कम 50 ब्यूरोक्रेट और पार्टी के सीनियर मंत्रियों को जो अब तक चुनाव नहीं लड़े है उनको चुनना शुरु कर दिया है.
महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है . 2019 में बीजेपी शिवसेना ने मिलकर 48 में से 42 सीटें जीत ली थी लेकिन अब शिवसेना में फूट और महाविकास आघाड़ी के तीन दलों की एकजुटता के डर से बीजेपी ने इस बार कई नये चेहरे उतारने की तैयारी शुरु कर दी है . पार्टी अपने 22सांसदों में से कम से कम 8 को बदल सकती है. इसलिए पार्टी ने उन चेहरों पर बात करना शुरु कर दिया है जो नये हो लेकिन लोग उन्हें जानते हैं. सबसे पहला दांव पुराने रिटायर या वर्तमान सरकारी आईएएस और आईपीएस पर खेला जायेगा .महाराष्ट्र में अब तक तीन ऐसे सीनियर की तलाश हो चुकी है . उनसे पर्दे के पीछे से बात की जा रही है.
सबसे सीनियर और सरकार में इस समय नीति आयोग के साथ काम कर रहे प्रवीण परदेशी को विदर्भ की सीट से उतारा जा सकता है. प्रवीण परदेशी को दिल्ली के काम के बाद वापस लाया जा रहा है. परदेशी की ख्याति लातूर में भूकंप के दौरान बहुत बढिया काम करने की रही है वो मुख्य सचिव पद के भी दावेदार थे लेकिन चूक गये .अब वो राजनीती में हाथ आजमाना चाहते हे. दूसरे बड़े अफसर अभी की सरकार का वार रूम संभाल रहे और मुंबई नागपुर समृर्दि महामार्ग बनाने वाले राधेश्याम मोपलवार है जिन पर शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी दोनो की नजर लगी हुयी है उनको परभणी हिंगोली की सीट पर उतारा जा सकता है. मोपलवार जमीनी स्तर पर कई काम कर चुके है और मराठवाड़ा में पानी पंचायत का काम करवा चुके हैं.
तीसरे अफसर मुंबई पुलिस आयुक्त रह चुके परमवीर सिंह है जो अब बीजेपी के बहुत करीब है . पिछली सरकार में उनकी बड़े खराब तरीके से विदाई हुयी थी लेकिन अब उनको क्लीन चिट मिल चुकी है और उनका निलबंन भी खत्म हो चुका है . परमवीर महाराष्ट्र के बजाय हरियाणा या राजस्थान की किसी गूजर बहुल सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते है. बीजेपी पहले भी सरकारी अफसरों को टिकट देने का प्रयोग कर चुकी है, 2014 में मुंबई के सह पुलिस आयुक्त सत्यपाल मलिक इस्तीफा देकर चुनाव लड़े थे और जीतकर मंत्री भी बने . इस बार भी कम से कम छह पूर्व अफसर महाराष्ट्र के चुनाव लड़ना चाहते हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि विवादित अफसर समीर वानखेड़े ने भी संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी लेकिन अभी वो फंसे हुये हैं.
इसके अलावा भाजपा महाराष्ट्र के दो सीनियर मंत्री जो अब तक राज्यसभा की राजनीति करते रहे है उनको लोकसभा लड़ने कह रही है. इनमे सबसे बड़ा नाम पीयूष गोयल का है जिनको मीरा भायंदर वाली सीट पर लड़ने कहा जा रहा है और वो जमीन तलाश रहे हैं. इनके अलावा प्रकाश जावड़ेकर भी अब राज्यसभा में नही है तो उनको चुनाव लड़ने कहा जा रहा है . साथ ही चर्चा ये भी है कि बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस को भी मुंबई की किसी लोकसभा सीट से उतारा जा सकता है. असल में बीजेपी को चिंता है कि इस बार चेहरे नहीं बदले तो मुश्किल हो सकती है .
-संदीप सोनवलकर