newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Mantra View

कोरोना मारे ना मारे भूख मार देगी बिहारियों के नेता घर बैठे हैं

उत्तरप्रदेश की सरकार ने तो मजदूरों की घर वापसी का एलान कर दिया है और उस पर तैयारी भी शुरु कर दी है लेकिन सबसे ज्यादा हालत खराब मुंबई में बसे बिहारी मजदूरों की है .उनको लगता है कि नितीश कुमार जब तक नहीं चाहेंगे वो वापस नहीं जा पायेंगे .

नीतिश कुमार पहले ही कह चुके है कि वो ऐसे ही सब को वापस नहीं ला सकते .इस पर कोई न कोई राष्ट्रीय नीति बनना चाहिये . जाहिर है नीतिश जो कह रहे है वो तो सही कह रहे है लेकिन भूख से परेशान बिहारी मजदूर अब सब्र करने तैयार नहीं है .उनको लगता है कि कोरोना मारे ना मारे भूख जरूर मार देगी.

दरअसल मुंबई सहित एमएमआर रीजन में बिहारियो की गिनती सबसे कमजोर और गरीब मजदूरों में होती है . उत्तरप्रदेश से आने वाले प्रवासी चार पीढियो से ज्यादा मुंबई में हो चुके है इसलिए वो अपने गांव देहात के लोगों की मदद भी कर पाते है लेकिन बिहार के छपरा,सीवान .मधुबनी , गया , पटना और किशनगंज जैसे इलाकों से आने वाले बिहारी मजूदरों के लिए तो सब पराये ही रहते हैं.वो पहले से ही राज ठाकरे और शिवसेना की एक बिहारी सौ बीमारी जैसे नारो से डरे हुए रहते है . ऊपर से मुश्किल ये है कि उत्तरभारतीयों की तरह मुंबई में बिहारियों का कोई बड़ा नेता नहीं है .दूसरे बाबा सिददीकी जो किशन गंज के है वो बांद्रा में उमडी भीड के बाद पीछे हट गये हैं.उनका कहना है कि उन्होने लोगों के खाने का इंतजाम किया है . अब केन्द्र सरकार ट्रेन चलाये तो वापस जायें.

जूहू में छठ पूजा कराने वाले संजय निरुपम खुद अपनी ही पार्टी में हाशिये पर है .हालांकि बिहारी मजदूरों की वापसी पर उनका कहना है कि अगर ट्रेन नहीं चली तो कोई वापसी नहीं हो पायेगी . उससे बेहतर तो सरकार कह दे कि जो वापस आना चाहता है आ जाये .लोग अपना इंतजाम खुद कर लेगें.

बिहार महासंघ चलाने वाले शत्रुघन प्रसाद मानते है कि बिहारियों की स्थिति सबसे कमजोर है . बिहार के मजदूर सबसे बडी संख्या में पावरलूम में लगे हैं .जबकि भिवंडी मे उनको कोई सुविधा नहीं है . वो तो पैदल जाने तैयार है . बिहार के मजदूर मुंबई में भेल भेजने ,आटो चलाने , दिहाडी मजदूरी करने और निर्माण कार्यों में सबसे ज्यादा है . इनमें से जो अपर कास्ट है जैसे राजपूत, कायस्थ और झा ब्राह्मण वो मलाड, कांदिवली,

कल्याण ,नवी मुंबई और मीरा रोड में रहते हैं . ये लोग जयादातर नौकरीपेशा है वो यहां रुकने तैयार है .

बिहार की राजनीतीक पार्टियों जेडीयू और आर जेडी की भी मुंबई में कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है इसलिए वो सरकार पर दवाब नहीं बना पा रहे है. मधुबनी के परिमल राय मानते है कि अगर जल्दी ही कोई फैसला नहीं लिया गया तो बिहारी मजदूरों पर भुखमरी की नौबत आ सकती है.

Related posts

Sachin Bansal’s wife alleges dowry harassment

Newsmantra

India’s communication satellite GSAT-30 launched successfully

Newsmantra

Number Of Cases Rise To 147

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More