प्रयागराज, 12 फरवरी 2025: आस्था और सनातन संस्कृति के विराट संगम, महाकुंभ 2025, का समापन महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 26 फरवरी को होगा। इसी दिन श्रद्धालु अंतिम महास्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जो इस स्नान को और भी शुभ और फलदायी बना रहे हैं।
महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम स्नान का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, चंद्रमा और शनि का त्रिग्रही योग बन रहा है, जिसे समृद्धि और सफलता का कारक माना जाता है। साथ ही, शिव योग, सिद्ध योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग इस दिन को और अधिक प्रभावशाली बना रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन विशेष योगों में किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।
महाकुंभ के अंतिम स्नान में देशभर से लाखों श्रद्धालु, संत-महात्मा और अखाड़ों के साधु-संत संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। यह महास्नान मोक्ष प्राप्ति, जीवन की शुद्धि और शिव कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
महाकुंभ 2025: एक दिव्य आध्यात्मिक यात्रा
13 जनवरी 2025 को प्रारंभ हुए इस महाकुंभ में अब तक करोड़ों श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया है। महाशिवरात्रि का अंतिम स्नान इस दिव्य यात्रा का समापन करेगा, जहां शिव आराधना, संत प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान और साधना के माध्यम से श्रद्धालु आत्मिक शांति प्राप्त करेंगे।
महाकुंभ का यह अंतिम स्नान हर भक्त के लिए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक दुर्लभ अवसर है। श्रद्धालु इस पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान कर स्वयं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भरने के लिए तैयार हैं।