एनसीपी चीफ शरद पवार ने सरकार बनने के बाद पहले ही इंटरव्यू में ये साफ संदेश दे दिया है कि हर कोई उनको साथ लेने के लिए तैयार है जाहिर है इसका इशारा शिवसेना और कांग्रेस को भी है कि अगर सरकार में कोई गडबडी की तो वो बीजेपी के साथ चले जायेंगे.
शरद पवार ने एक मराठी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी को बीजेपी के साथ सरकार बनाने का आफर दिया था . पीएम ने कहा था कि साथ मिलकर सरकार बना लें . अंदर की बात ये है कि आफर तो केन्द्र में शामिल होने का भी था लेकिन पवार अपनी ही पार्टी के नेताओं के दवाब में थे इसलिए रुक गये . अब पवार ने इस नये खुलासे से ये संदेश सबको दे दिया कि महाराष्ट्र में उनके लिए विकल्प है और कोई भी सरकार बने उनके साथ ही बनेगी .
इस संदेश में कई निहितार्थ भी है ये संदेश पवार ने अपने उन पुराने साथियों को भी दिया है जो ऐन मौके पर पार्टी छोडकर बीजेपी चले गये थे . बीजेपी के 105 विधायकों में आधे से ज्यादा ऐसे है जो कांग्रेस और एनसीपी से आये थे . पवार उनको घर वापसी का संदेश भी दे रहे हैं. एनसीपी के दिग्गज रहे गणेश नाईक , पूर्व अध्यक्ष बबनराव पाचपुते , राजे शिवेंद्र सिंह , मोहिते पाटिल परिवार ऐसे तमाम लोग है जो अब सोच रहे होंगे कि एनसीपी में ही रहते तो बेहतर होता .
जानकार मानते है कि अब ये लोग छह महीने से एक साल तक इंतजार करेंगे उसके बाद इन लोगों में हताशा बढने लगेगी और सत्ता के लिए उनकी घर वापसी हो सकती है. जाहिर है अगर ऐसा हुआ तो ये बीजेपी को बढा झटका होगा .
शऱद पवार ने अजित पवार के कदम से भी ये कहते बहुत कुछ कह दिया कि खुद अजित पवार ने उनसे पूछा था कि देवेन्द्र फणनवीस मिलना चाहते है मिल लें क्यां .पवार ने मिलने की इजाजत दी थी लेकिन पवार अब ये भी कह रहे है कि उनको ये नहीं पता था कि अजीत सचमुच बीजेपी के साथ चले जायेंगे . अब इतनी तस्वीर तो साफ हो गयी है कि महाराष्ट्र मे राजनीतिक ड्रामे के कई पात्र और अंक खुद शरद पवार ही लिख रहे थे .आगे भी उनकी ही चलेगी.