newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Mantra ViewPolitical

राम और राम मंदिर से नहीं बीजेपी से लड़े विपक्ष

-संदीप सोनवलकर वरिष्ठ पत्रकार

महाराष्ट्र के युवा नेता और एनसीपी में कई बार विवादों में रह चुके जितेंद्र आव्हाड के नये बयान ने बीजेपी को एक नया मौका दे दिया है. आह्वाड ने बयान दे दिया कि राम तो वनवासी भी रहे हैं और सबके है साथ ही राम हम सब की तरह ही मासांहारी भी थे . कोई इतने दिन जंगल में बिना वनवास नहीं रह सकता. बाद में विवाद बढा तो माफी मांग ली . लेकिन राजनीति अब थमने का नाम नहीं ले रही है .

असल में हो ये रहा है कि इन दिनों सारे खबरिया चैनल दिन रात राम और राममंदिर की कहानी और उससे जुड़े निर्माण कार्य की बातें कर रहे हैं. जाहिर है बीजेपी के लिए तो ये बेहतर है क्योंकि उनका एजेंडा ही यहीं है और वो इसे छुपा भी नहीं रहे . खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के योगी राममंदिर से जुड़े हर कार्यक्रम में जा रहे हैं. ऐसे में विपक्ष के कई नेता जो चाहते है कि मीडिया उनकी भी बात सुने इस खेल में फंस रहे है और वो बीजेपी से लड़ने के बजाय प्रभु श्री राम और राममंदिर के निर्माण पर तरह तरह की ऊटपटांग टिप्पणी कर रहे हैं . उत्तरप्रदेश में सपा का साथ दे रहे स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार कई तरह के बयान दे चुके हैं तो दूसरी तरफ डीएमके और स्टालिन भी सनातन जैसी बातों पर अटैक कर रहे हैं. स्टालिन को तो खैर दक्षिण में इसका फायदा मिल भी सकता है क्योंकि राजनीति तो पेरियार की है लेकिन उत्तर के नेताओं के बयान खासा नुकसान कर रहे हैं.

बीजेपी की राजनीति भी यही है कि वो साबित कर सके कि उसके अलावा वो सारी पार्टियां जो बुलावे पर नहीं आ रही है या बयान दे रही वो सब राम और राममंदिर विरोधी है . ये हिंदुत्व और हिंदुत्व विरोधी विपक्ष का नरेटिव बीजेपी के लिए खासा फायदेमंद है .जाहिर है वो तो लगातार चाहते है कि कोई न कोई विरोध में बोलता रहे ताकि उस पर डिबेट हो सके . पहले मीडिया का काम अकेले असददुदीन ओवैसी से चल जाता था लेकिन ओवेसी की आवाज हाल के चुनाव में उतनी काम नहीं आ रही है इसलिए नये नायक ही नहीं नये खलनायक की भी मीडिया को उतनी ही तलाश है .

भारत की राजनीति में प्रयोग करने वाले चाहे महात्मा गांधी हो या समाजवादी विचारधारा के लोग उन्होने कभी भी राम और राममंदिर का विरोध नही किया . लेफ्ट प्रणित नेताओं ने जरुर धर्म की राजनीति का विरोध किया तो वो सिमट गया . कांग्रेस में भी कुछ नेता जो लेफ्ट की तर्ज पर बयान देते है वो केवल बयान वीर है उनकी राजनीति नहीं चली .जबकि कांग्रेस में तो नरसिंहराव से लेकर अर्जुनसिंह तक सब राम काजु कीजे बिना की बात करते रहे और साथ में सेक्युलर भी बने रहे . ये बात उत्तर की राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओ को समझ ही लेना चाहिये कि भारत में धर्म एक अभिन्न अंग जीवन का इसलिए चाहे राजनीति हो और कुछ कुछ इसे अलग करके नहीं देख सकते है .फिर प्रभु राम को रामचरित मानस ने घर घर पहुंचा ही दिया है . महात्मा गांधी भी तमाम सेक्युलर होने के बाद भी राम और वैष्णव की बात करना नहीं भूले . लेकिन उनको मानने वाले कई लोग भूलने लगे हैं.

असल में विपक्ष को बीजेपी से लड़ना है राम या राम मंदिर से नहीं जितना जल्दी ये बात विपक्ष मान लेगा उतना ही फायदा होगा .क्योंकि बीजेपी तो साफ कर ही चुकी है कि लोकसभा चुनाव तक उसका इस पर कैंपेन चलता रहेगा विपक्ष को बेहतर इस पर बोलने से बचना चाहिये हां अगर राम और राममंदिर के नाम पर हो रही राजनीति और बंटवारे की बात करे तो उसका फायदा होगा लेकिन प्रभु राम के बारे में जाने या अनजाने भी ऐसी कोई बात नहीं कही जाये जिससे लोक आस्था को चोट पहुंचे .

बाल्मिकी रामायण में कई ऐसे प्रसंग है जो आज के दौर के लिए गलत लग सकते हैं क्योंकि उसमें भगवान राम को एक सामान्य व्यक्ति की तरह दिखाया गया है लेकिन रामचरित मानस जो अवधी में होने के कारण घर घर पहुंची उसमें प्रभु राम की भक्ति है और उसी रुप में भारत के लोग राम को अवतारी पुरुष मानते हैं. इससे कोई खिलवाड़ नहीं हो सकता . बेहतर यही है कि विपक्ष या फेसबुकिया या वाटसपिया ग्यानी लोग प्रभु श्री राम के बारे में बेवजह कुतर्क अभी ना करें .अगर उनको बीजेपी से लड़ना है तो बाकी के राजनीतिक सवाल पर लड़े ..वैसे भी अब राममंदिर बन रहा है तो उस पर राजनीति ठीक नहीं ..
बाकी कहते है कि होईये वही जो राम रचि राखा .

Related posts

congress  never recognised efforts of anyone : Modi

Newsmantra

सचिन पायलट अभी कच्चे हैं गहलोत का जादू चल गया

Newsmantra

Rahul responsible for debacle

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More