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अमित शाह ने नही सीएम ने किया था 50. 50 का वादा

अमित शाह ने नही सीएम ने किया था 50. 50 का वादा

 

महाराष्ट्र में सरकार बनने की मुश्किलों के बीच ये बात खुलकर सामने आने लगी है कि शिवसेना जिस 50 फीसदी बंटवारे की बात पर अडी है वो वादा खुद महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फणनवीस ने किया था अमित शाह ने नहीं .

बीजेपी के उच्च सूत्रों के अनुसार खुद अमित शाह इस बात से खासे नाराज है कि उन पर गलतबयानी का आरोप लगाया जा रहा है इसलिए पार्टी की तरफ से साफ कहलवाया गया कि अमित शाह ने ऐसा कोई वादा नहीं किया था .

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि मातोश्री पर हुयी उस बैठक मे केवल चार लोग मौजूद थे . तब के बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह . मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस. शिवसेना प्रमुख उदधव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे . उसी बैठक में पहले तो लोकसभा सीटों के बंटवारे पर बात बनी जब राज्यविधानसभा की बात आयी तो खुद सीएम ने कहा कि वो और उदधव ठाकरे समानता के आधार पर सत्ता का बंटवारा कर लेगें उसमे कोई अडचन नही आयेगी.

दरअसल  उदधव ठाकरे ने ये बात कही थी कि राज्य में पांच साल में सत्ता में शिवसेना को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिला और जब सत्ता में भागीदारी है तो बराबरी के आधार पर होना चाहिये .अमित शाह ने भी इस बात पर सहमति जतायी थी कि सत्ता की भागीदारी बराबरी के आधार पर होगी लेकिन इसमे एक भी बार सीएम पद के ढाई ढाई साल की बात नही हुयी . जब उदधव ठाकरे और शिवसेना की तरफ से चुनाव और सीट बंटवारे से पहले भी ये बात की गयी तो सीएम फणनवीस ने बात टाल दी और कहा की वो और उदधव मिलकर मामला सुलझा लेंगे .

सीएम देवेन्द्र फणवनीस को खुद को इतना भरोसा था कि बीजेपी की इतनी सीटें आयेगी कि वही मुख्यमंत्री बनेंगे और वो शिवसेना को सरकार में बेहतर मंत्रालय दे देंगे जो अभी सीएम विरोधियों के पास है .इस तरह बराबरी की भागीदारी भी हो जायेगी और कई दुशमन भी निपट जायेगें.

पार्टी में इस बात को भी जमकर उठाया गया है कि चुनाव से पहले सर्वे में खुलकर ये बात सामने आयी थी कि अगर बीजेपी अकेले लडी तो उसे कम से कम 155 सीटें मिलेंगी .उसी आधार पर बाहरी उम्मीदवारों को भी पार्टी में लाने देने की बात कही गयी थी लेकिन अकेले सीएम देवेन्द्र फणनवीस ने ही शिवसेना के साथ समझौता कराया जिद करके क्योकि उनको डर था कि अगर पार्टी को अकेले दम पर बहुमत मिल गया तो उनको बदला भी जा सकता है. ये सब बातें अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने भी आ गयी है. इसलिए अमित शाह ने इस मामले में सीधे पडने से साफ मना कर दिया और खुद मुख्यमंत्री को अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कहना पडा कि वो तो किसानों के नुकसान के मामले मे मिलने आये हैं.

दरअसल अपनी इन्ही नीतियों के चलते फणनवीस अब अकेले पड गये है. यहां तक पीएम मोदी ने भी उनसे दिलली मे मुलाकात का वक्त नही दिया.

अब भाजपा के सूत्रो के अनुसार दो दिन में राष्ट्रपति शासन लगाया जायेगा ताकि मुख्यमंत्री फणनवीस अधिकारिक तौर पर हट जाये .उसके कुछ दिन बाद शिवसेना से फिर बात होगी ताकि नये चेहरे को मुख्यमंत्री को तौर पर लाने मे मुश्किल नही हो. कयोकि खुद अमित शाह और मोदी ने फणनवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी इसलिए उनको सीधे हटाना संभव नही हो पा रहा है .

 

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