भोपाल। मध्य प्रदेश बदल रहा है, सड़कें बेहतर है, बिजली की उपलब्धता बढी़ है और अपराध भी काबू में है । यह स्थितियां औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल है। वही डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित करने की मुहिम चलाए हुए हैं। उद्योगपतियों की ओर से निवेश के प्रस्ताव आ रहे हैं तो सरकार उन्हें हर संभव सुविधा मुहैया कराने का वादा कर रही है। सरकार और उद्योगपतियों के आपसी समन्वय तथा सामंजस्य से राज्य को औद्योगिक विकास के पंख लगने की संभावनाएं बनने लगी है।
राज्य में डॉ मोहन यादव को राज्य की कमान संभाले 9 माह से ज्यादा का वक्त गुजर गया है। उनकी ओर से राज्य में निवेश लाकर रोजगार के अवसर बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने अगले साल वर्ष 2025 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित करने का फैसला लिया है। इस समिट में देश और दुनिया के निवेशक आएं इसके प्रयास जारी है। इससे पहले राज्य के भीतर क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित की जा रही है तो वही देश के अलग-अलग हिस्सों में निवेशकों से संवाद करने के लिए इन्वेस्टर समिट हो रही हैं।
बीते कुछ माह की गतिविधियों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि प्रदेश के बाहर और राज्य के भीतर हुई इन्वेस्टर समिट के जरिए विभिन्न औद्योगिक घरानों ने राज्य में लगभग 2 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव दिए है। यह प्रस्ताव देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों अडानी और अंबानी से लेकर कई अन्य ने दिए हैं।
अगर हम क्षेत्रीय इन्वेस्टर समिट की बात करें तो उज्जैन की समिट में 86000 करोड़, जबलपुर की समिट में 17000 करोड़ और ग्वालियर की समिट में 8000 करोड़ की निवेश की प्रस्ताव आए। वहीं राज्य के बाहर हुई समिट में मुंबई में 74 हजार करोड़, कोयंबटूर में ढाई हजार करोड़, बेंगलुरु में 3200 करोड़ और कोलकाता में 19000 करोड़ के प्रस्ताव आए हैं।
आगामी दिनों में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राज्य के बाहर और क्षेत्रीय स्तर पर कई स्थानों पर इन्वेस्टर समिट करने वाले हैं। इतना ही नहीं भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिति से पहले विदेशी प्रवास भी संभावित है। इन कोशिशें के चलते राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आने की संभावनाएं बनी हुई है और औद्योगिक विकास होने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ना तय है।