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मुख्यमंत्री बोले-कभी भी हो सकता है लोकसभा चुनाव, यह जरूरी नहीं कि समय पर ही हो

मुख्यमंत्री बोले-कभी भी हो सकता है लोकसभा चुनाव, यह जरूरी नहीं कि समय पर ही हो

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव कभी भी हो सकता है। ये जरूरी नहीं कि समय पर ही चुनाव हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को नालंदा जिले के सिलाव अचल स्थित बड़गांव में 121 करोड़ रुपये की लागत से बने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे बढ़िया ओपन यूनिवर्सिटी इस देश में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। लोकसभा चुनाव से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कभी भी चुनाव करा सकती है। हम तो सात-आठ महीना पहले से ही कंह रहे हैं कि चुनाव कभी भी हो सकता है। इसीलिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए। हम उसी काम में लगे हुए हैं। मेरी व्यक्तिगत कोई इच्छा नहीं है। हम सबको एकजुट करना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की रणनीति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनलोगों को जो करना है करने दीजिए। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। चुनाव आने पर हमलोग अपना प्रचार-प्रसार करेंगे।

मुंबई में होनेवाली ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा काम अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करना है। व्यक्तिगत रूप से मुझे किसी पद या किसी चीज की इच्छा नहीं है। हम तो कल भी इस बात को दोहरा चुके हैं। इंडिया महागठबंधन में कुछ और पार्टियों के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस पर बोलना ठीक नहीं होगा। आपलोग देखते रहिए, जब बैठक में लोग आएंगे तो आपलोगों को पता चल जाएगा। इसपर पहले से बोलना ठीक नहीं होगा।

मुख्यमंत्री बोले-कभी भी हो सकता है लोकसभा चुनाव, यह जरूरी नहीं कि समय पर ही हो

उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के भवन का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय, एकेडमिक भवन, एडमिन भवन आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन में विद्यार्थियों के पठन-पाठन, उनके आवासन एवं अन्य उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दी। कुलपति केसी सिन्हा ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहां अतिथियों के ठहरने के लिए 24 कमरों के गेस्ट हाउस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यहां परीक्षा भवन की क्षमता 1500 विद्यार्थियों की है। उसका विस्तार करें और परीक्षा भवन को 2500 विद्यार्थियों की क्षमता के रुप में विकसित करना सुनिश्चित करें। इसका इस्तेमाल ऑडिटोरियम के रूप में भी हो सकेगा। इस विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति, प्रतिकुलपति, प्रोफेसर, विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मियों के आवासन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध रखें। उन्होंने कहा कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का काफी सुंदर एवं भव्य भवन बन गया है। बड़ी संख्या में यहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए हर प्रकार की बुनियादी सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई गई है। बेहतर ढंग से इसका निर्माण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां काफी जगह है। इसके एक हिस्से को विश्वविद्यालय के कॉन्सेप्ट के रुप में भी विकसित करें। एक तरफ खुला विश्वाविद्यालय के कॉन्सेप्ट पर विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। वहीं, इसके दूसरे हिस्से में विश्वविद्यालय की तर्ज पर भी विद्याथी शिक्षा ले सकेंगे।

पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का कामकाज पटना में छोटी.-सी जगह से होता था, लेकिन अब बड़गांव में इसके भवन का बड़े स्तर पर निर्माण करवाया गया है। हमने इसके लिए यहीं पर जगह देखी थी और अधिकारियों से कहा था कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का निर्माण यहीं पर करवाइए। नालंदा खुला विश्वविद्यालय का भवन अब बहुत सुंदर बन गया है। अब बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां नामांकन करा सकते हैं। इस विश्वविद्यालय में राज्य के बाहर के भी छात्र-छात्राएं नामांकन कराते हैं। इसीलिए हमने सलाह दी है कि अगर यहां पर आकर कोई पढ़ना चाहे तो उसके रहने-खाने और अन्य सुविधाओं का भी पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए। यहां पढ़ानेवाले शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के रहने के लिए बड़े-बड़े कमरों वाले भवनों का भी निर्माण करा दिया गया है। इससे बढ़िया ओपन यूनिवर्सिटी इस देश में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। इसका निर्माण अपने आप में अद्भुत है। हमने वर्ष 2019 में इसका शिलान्यास किया था और आज ये बनकर तैयार हो गया है। आज हमने इसका उद्घाटन भी कर दिया है। अब जब यह बनकर तैयार हो गया है तो एक-दो दिन में पटना से यहां पर सारा कुछ शिफ्ट कर दिया जाएगा। अब नालंदा खुला विश्वविद्यालय का सारा काम यहीं से होगा। अगर जरूरत होगी तो इसका विस्तार भी किया जाएगा।

जाति आधारित गणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा वापस लिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना का काम करवाना केंद्र सरकार का अधिकार है, लेकिन हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। सब पार्टियों की सहमति से यह काम करवाया जा रहा है। जाति आधारित गणना का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों में जनगणना करवाती है। राज्य सरकार जनगणना नहीं करवा सकती, इसीलिए हमलोग गणना करवा रहे हैं। गणना का काम राज्य के अधिकार में आता है। केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के दौरान अनुसूचित जाति-जनजाति और अल्पसंख्यकों की गणना का प्रावधान है, लेकिन हमलोग बराबर कह रहे थे कि अन्य सभी जाति-धर्म के लोगों की भी गणना करवा लीजिए। यह काम अबतक हो जाना चाहिए था, लेकिन कहां हुआ? हमलोग जनगणना नहीं बल्कि गणना का काम करवा रहे हैं। हमलोग सभी जाति-धर्म, चाहे वे उच्च जाति के हों या पिछड़े-अति पिछड़े जाति के हों, अनुसूचित जाति-जनजाति के हों, दलित-महादलित हों या फिर हिंदू-मुस्लिम, किसी भी धर्म के हों, किसकी कितनी संख्या है उनकी गिनती के अलावे सबों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी जुटा रहे हैं। हमलोग आर्थिक स्थिति की जानकारी इसीलिए जुटा रहे हैं ताकि कोई किसी जाति-धर्म का हो, उसके विकास के लिए काम कर सकें। हमलोग राज्य के हित में काम कर रहे हैं। इसके विरोध का कोई मतलब नहीं है। हमलोग अच्छा काम कर रहे हैं। इसीलिए बहुत लोगों को ऐतराज होता है।

बता दें कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का यह परिसर दस एकड़ में फैला है। इस नये भवन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कार्यालय के साथ-साथ सेमिनार, सम्मेलन एवं कार्यशाला आयोजित करने की सुविधायें उपलब्ध करायी गयी है। इसमें छात्र-छात्राओं के लिये अलग-अलग छात्रावास तथा अतिथिशाला भी बनाये गये हैं। इससे विश्वविद्यालय में कला-संस्कृति एवं खेलकूद से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन में शामिल होने के लिये दूर से आनेवाले विद्यार्थियों को रहने में सहूलियत होगी। अतिथिशाला की सुविधा से सेमिनार एवं कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए देश-विदेश से आनेवाले विद्वानों को रहने में सुविधा होगी। यहां पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्रों के अध्ययन के लिये स्टूडियो भी तैयार किया गया है। लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब भी अलग-अलग तल पर बनाये गये हैं। वर्तमान में नालंदा खुला विश्वविद्यालय में 105 पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इनमें से अनेक पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी, व्यावसायिक एवं कौशल विकास से संबंधित हैं। अभी नालंदा खुला विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की कुल संख्या लगभग एक लाख 20 हजार है।

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