मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिक से अधिक क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है ताकि किसानों को कृषि कार्य में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभागार में जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने खरीफ सिंचाई की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए सिंचाई के लिए जो भी जरूरी कार्य हैं, उसपर त्वरित कार्रवाई करें। पहाड़ी क्षेत्रों के निचले भागों में जलसंचयन क्षेत्र विकसित करें। पूर्व से चलाई जा रही सिंचाई योजनाएं पूर्ण क्षमता से कार्य करे, यह सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से शुद्ध किए गये पानी का उपयोग भी कृषि कार्य के लिए कराएं। नहरों की सफाई कार्य पर ध्यान दें। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए लक्ष्य के अनुरूप तेजी से कार्य करें। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंच जाएगा तो इससे किसानों को काफी लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधाओं और उनके हित में हम निरंतर कार्य करते रहते हैं। किसानों को कृषि कार्य के लिए डीजल अनुदान उपलब्ध कराने के साथ-साथ सिंचाई कार्य के लिए पर्याप्त विद्युत आपूर्ति भी की जा रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसानों को धान रोपनी में सहूलियत हो।
इससे पहले बैठक में मुख्यमंत्री को जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभाग की ओर से किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ईश्वर चंद्र ठाकुर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग की ओर से किये जा रहे सिंचाई कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने सोन बराज, गंडक बराज, कोसी बराज एवं अन्य डैम से सिंचाई कार्य में लाभान्वित होनेवाले जिलों की स्थिति की जानकारी दी। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए जा रहे कार्य, जलाशयों में जलसंचयन क्षमता की वर्तमान स्थिति के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
लघु जल संसाधन विभाग की विशेष सचिव आशिमा जैन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से लघु जल संसाधन विभाग के अंतर्गत सिंचाई के लिए किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलों के भूजल स्तर की स्थिति, राजकीय नलकूपों की स्थिति, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत आहर, पईन, पोखर आदि में जलसंचयन की वर्तमान स्थिति के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, लघु जल संसाधन विभाग की विशेष सचिव आशिमा जैन सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं अभियंता मौजूद थे।