कानपुर, 15 अक्टूबर 2025: भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR), दिल्ली में उद्घाटन के बाद, स्प्रिंगर नेचर के नेतृत्व में, और शिक्षा मंत्रालय तथा आईसीएसएसआर की साझेदारी में आयोजित इंडिया रिसर्च टूर 2025, कानपुर के औद्योगिक केंद्र में पहुंचा। इस टूर में आईआईटी कानपुर के संकाय, छात्रों और शोधकर्ताओं के साथ संवाद किया गया।
6 अक्टूबर से 13 नवंबर 2025 तक चलने वाला यह टूर 7 राज्यों के 15 शहरों में स्थित 29 संस्थानों को कवर करेगा और शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और अकादमिक समुदाय के साथ संवाद करेगा। इस टूर का उद्देश्य ओपन एक्सेस और ओपन साइंस को आगे बढ़ाना, अनुसंधान की अखंडता को मजबूत करना, ई-बुक अपनाने को प्रोत्साहित करना, संपादकीय बोर्ड के सदस्यों की भर्ती में समर्थन देना, और शोध में विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना है। अकादमिक और अनुसंधान समुदाय के साथ सीधे जुड़कर, यह टूर उत्तर प्रदेश और भारत में जागरूकता बढ़ाने, सहयोग स्थापित करने और एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को प्रेरित करने का लक्ष्य रखता है।
इस अवसर पर स्प्रिंगर नेचर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा, “कानपुर भारत की ज्ञान अर्थव्यवस्था को परिभाषित करने वाले शैक्षणिक उत्कृष्टता और औद्योगिक नवाचार का आदर्श संगम प्रस्तुत करता है। आईआईटी कानपुर जैसे संस्थान लंबे समय से तकनीकी प्रगति के प्रेरक रहे हैं, ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देते हुए जिन्होंने न केवल भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि अनुसंधान और नवाचार के भविष्य को भी आकार दिया। इंडिया रिसर्च टूर 2025 के माध्यम से, हमारा उद्देश्य इस विरासत को और मजबूत करना है: शोधकर्ताओं को ज्ञान तक बेहतर पहुँच प्रदान करना, विज्ञान में ईमानदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना, और भारत को वास्तव में खुली और समावेशी शोध प्रणाली की दिशा में आगे ले जाना। जैसे-जैसे राष्ट्र ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में बढ़ रहा है, ऐसी साझेदारियाँ सुनिश्चित करती हैं कि भारत की नवाचार यात्रा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनी रहे।”
आईआईटी कानपुर लगातार नवाचार में अग्रणी रहा है, विशेष रूप से कंप्यूटर विज्ञान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और उन्नत प्रौद्योगिकियों में, जिससे भारत को इन क्षेत्रों में वैश्विक मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली है।
इंडिया रिसर्च टूर 2025 के मुख्य स्तंभ:
- ओपन एक्सेस और ONOS: खुली पहुंच को बढ़ावा देना और वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- अनुसंधान अखंडता और AI: अनुसंधान की अखंडता पर चर्चा को आगे बढ़ाना और प्रकाशन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर विचार।
- विविधता और समावेशन: ‘हर रिसर्च, आवर फ्युचर’ और ‘रिसर्च एंबेसडर प्रोग्राम’ जैसी पहलों के माध्यम से विविधता और समावेशन को उजागर करना।
- सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन: ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करके और पहुंच को मजबूत करके संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का समर्थन।
आईआईटी कानपुर लगातार नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, विशेष रूप से कंप्यूटर विज्ञान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और उन्नत तकनीकों में, जिससे भारत को इन क्षेत्रों में वैश्विक पहचान हासिल करने में मदद मिली है।
