newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
News Mantra: Exclusive

कांग्रेस शामिल नही होगी महाराष्ट्र सरकार में

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मराठा छत्रप शऱद पवार को साफ कह दिया है कि कांग्रेस किसी भी हालत मे शिवसेना के साथ सरकार में शामिल नही होगी .अगर एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाते है तो कांग्रेस बाहर से समर्थन देने या विरोध नहीं करने पर विचार  करेगे.

न्यूज मंत्रा को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस इस बात के लिए तैयार नही है कि बीजेपी को बाहर रखने के लिए किसी भी हद तक जाया जाये . सोनिया गांधी से शरद पवार की करीब 35 मिनट तक चली मुलाकात में सोनिया गांधी ने शरद पवार के सारे सुझावों पर ध्यान दिया . खुद शरद पवार ने ये बात मानी कि जब तक बीजेपी की सरकार गिर नही जाती तब तक किसी और वैकल्पिक सरकार के लिए काम नही करना चाहिये . पवार ने बैठक में ये भी फार्मूला सामने रखा कि शिवसेना का सीएम हो और एनसीपी का डिप्टी सीएम जबकि विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस को दिया जाये लेकिन सोनिया गांधी ने सरकार में किसी तरह से शामिल होने से साफ मना कर दिया . सोनिया ने कहा कि पवार चाहे तो वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश कर सकते है लेकिन कांग्रेस बाहर से ही साथ देगी.

दरअसल कांग्रेस को लंबी राजनीती की चिंता है वो जानती है कि एक बार शिवसेना के साथ गये तो उत्तर भारतीय और अल्पसंख्यक वोट जो लौटा है वो दूर चला जायेगा साथ ही देश की राजनीति मे कांग्रेस पर कम्युनल कहलाने वाली शिवसेना से हाथ मिलाने का आरोप लगेगा जिससे केन्द्र में सेक्लूयर गठजोड का उसका सपना अधूरा रह जायेगा.

महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण ने भी सोनिया गांधी को यही बताया है कि अगर बीजेपी को हटा कर शिवसेना एनसीपी को सरकार बनाने दी गयी तो नुकसान कांग्रेस का ही होगा . दोनों क्षेत्रीय दल एनसीपी और शिवसेना राज्य मे जम जायेगें और उत्तरप्रदेश के सपा बसपा के साथ देने की तरह का नुकसान होगा . कांग्रेस कभी अपने पैरो पर खडी नही पायेगी.

राज्य के प्रभारी बने एक वरिष्ठ नेता की राय है कि शरद पवार के बाद एनसीपी का एकजुट रह पाना मुश्किल है इसलिए कांग्रेस को इंतजार करना चाहिये . कांग्रेस को अपनी जगह बनानी है तो उसे भाजपा से लडने वाली पार्टी ही कहलाना चाहिये . कांग्रेस का ये भी मानना है कि ये समय सेक्यूलर राजनीती का है उसमें पवार पर भरोसा करके की गयी गलती भारी पड सकती है. वैसे भी कांग्रेस को पवार पर पूरा भरोसा नही है . पिछली बार तो पवार ने बिना मांगे ही भाजपा की यहां की सरकार को समर्थन देकर मदद कर दी थी. इस बार भी वो कुछ भी कर सकते है.

शरद पवार से राहुल कैंप भी खुश नही हैं .शरद पवार ने ही राहुल गांधी की लीडरशिप पर सबसे पहले सवाल उठाये थे . पवार ने सोनिया का भी विरोध किया था. यहां तक विपक्ष में बैठने पर भी महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद एनसीपी को ही मिलेगा . तो कांग्रेसियों को लगता है कि वो हर नुकसान सहकर एनसीपी का फायदा क्यों करायें.

राजय में इस बार 288 में से बीजेपी की 105 सीट आयी है लेकिन वो सामान्य बहुमत के आंकडे 145 से बहुत दूर है .उसे अगर 15 निर्दलीय का समर्थन भी मिलता है तो भी उसे किसी और की जरुरत होगी. उधर शिवसेना के 56 विधायक आये है लेकिन वो बीजेपी से मुख्यमंत्री पद मांग रही है . एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 अगर शिवसेना के साथ मिल जाये तो उनकी सरकार बन सकती है.

– संदीप सोनवलकर
(वरिष्ठ पत्रकार)

Related posts

Rakesh Jhunjhunwala was asked, ‘How does it feel to be rich in a poor country?’ This is what he said…

Newsmantra

Driving Change for Safer Roads: Sadak Suraksha Abhiyan 2025 Leads Life-Saving Awareness Effort

Newsmantra

Cabinet approves revision in the Funding Pattern of Delhi Metro

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More