पटना। बिहार में महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दल जदयू और राजद में तकरार बढ़ता जा रहा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव केके पाठक और शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बीच शुरू हुई तनातनी इस हद तक पहुंच गई है कि शिक्षा मंत्री तीन दिन से कार्यालय नहीं आ रहे हैं।
अब यह तकरार मंत्री और आईएएस अधिकारी के बीच की ही नहीं रह गई है। इसका असर सरकार में शामिल महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों पर भी दिख रहा है। अब यह जदयू और राजद की तकरार के रूप में उभर कर सामने आ रही है। जदयू के नेता सरकार और केके पाठक की तरफ खड़े नजर आ रहे हैं तो राजद के नेता शिक्षा मंत्री के बचाव में सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच तकरार को सुलझाने में मुख्यमंत्री की मध्यस्थता का भी कोई खास असर नहीं दिख रहा है।
शनिवार को लालू परिवार के बेहद करीबी राजद एमएलसी सुनील सिंह ने जदयू कोटे से कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी पर आरोपों की बौछार कर दी। जदयू पर उनके हमलावर रूख से यह साफ हो गया है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। राजनीति के जानकार इसे महागठबंधन सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। दअरसल, राजद और जदयू के बीच जो खींचतान शुरू हुई है उसमें सुनील सिंह की एंट्री के बड़े मायने हैं। सुनील सिंह ने जदयू कोटे से कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी पर जो आरोप लगाये हैं उसमें यहां तक कह दिया है कि वे घाट-घाट का पानी पीकर यहां तक पहुंचे हैं। रोज पार्टी बदलते हैं और अब भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगा रहे हैं। अगर लालू प्रसाद नहीं होते तो वे जेल में होते।
दरअसल, अशोक चौधरी ने एमएलसी सुनील सिंह पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया था और जंगलराज की भी याद दिलाई थी। इसी बात पर सुनील सिंह उखड़ गए और यहां तक कह दिया कि अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी धोखा देंगे। उन्होंने कहा कि वे विधानमंडल में राबड़ी देवी को भी अपमानित कर चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजो सिंह की हत्या में भी उनका नाम आया था। उन्होंने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली पर भी सवाल उठा दिया और कहा है कि बिहार उनके कंट्रोल में अब नहीं रह गया है।
इससे पहले शुक्रवार को सुनील सिंह ने फेसबुक पोस्ट लिखा था और अधिकारियों पर तो निशाना साधा ही, साथ ही साथ मुख्यमंत्री पर भी इशारों ही इशारों में शब्दबाण चलाये थे। बाद में खुलकर सामने आ गए और यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री के कंट्रोल में बिहार नहीं है। आपको बता दें कि राजद कोटे से शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और आईएएस अधिकारी केके पाठक विवाद में अशोक चौधरी ने शुक्रवार को कहा था कि इन दोनों के बीच कोई विवाद नहीं है। सभी मसले सुलझा लिये गये हैं। इस बीच भाजपा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केके पाठक को शिक्षा मंत्री को सही करने के लिए भेजा है। सुनील सिंह ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री हमेशा ही केके पाठक जैसे कुछ अफसरों को मंत्रियों को ठीक करने के लिए लगाए रहते हैं। उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि सुनील सिंह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। इसके बाद ही सुनील सिंह ने भड़क गये और अशोक चौधरी के खिलाफ खुलकर सामने आ गये।