गुवाहाटी, 6 नवंबर 2025: भारत की सबसे महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली शोध आउटरीच पहलों में से एक स्प्रिंगर नेचर द्वारा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित ‘इंडिया रिसर्च टूर 2025’ गुवाहाटी पहुँचा। इस दौरान टूर के प्रतिनिधियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी और ओ.के.डी. इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल चेंज एंड डेवलपमेंट में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों से संवाद किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शोध में अखंडता, समावेशिता और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
यह यात्रा 6 अक्टूबर से 13 नवंबर 2025 तक चलेगी और इसमें 7 राज्यों के 15 शहरों के 29 संस्थान शामिल होंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ‘ओपन एक्सेस’ और ‘ओपन साइंस’ को बढ़ावा देना, शोध की ईमानदारी को मजबूत करना, ई-बुक्स के उपयोग को प्रोत्साहित करना, संपादकीय बोर्ड के सदस्यों की भर्ती में सहायता करना और शोध में विविधता व समावेशिता को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर बोलते हुए, स्प्रिंगर नेचर इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा, “इंडिया रिसर्च टूर 2025 में पूर्वोत्तर भारत को शामिल करना न केवल एक सुनियोजित निर्णय है, बल्कि आवश्यक कदम भी है। भारत को यदि वास्तव में समावेशी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शोध परिणाम हासिल करने हैं, तो हर क्षेत्र- विशेष रूप से पूर्वोत्तर जैसे अद्वितीय दृष्टिकोण वाले क्षेत्रों को समान आवाज़ और अवसर मिलना चाहिए। आईआईटी गुवाहाटी और ओ.के.डी. संस्थान इस क्षेत्र की प्रतिभा और क्षमता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इस संवाद के माध्यम से हमारा उद्देश्य यहाँ के शोधकर्ताओं को उपकरण, प्रशिक्षण और वैश्विक दृश्यता प्रदान करना है, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पारिस्थितिकी तंत्र से और अधिक सशक्त रूप से जुड़ सकें।”
भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र, अपनी विविध समुदायों, विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों और समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के साथ, शोध आधारित विकास और नवाचार की अपार संभावनाएँ रखता है। इस क्षेत्र के प्रमुख संस्थानों को इंडिया रिसर्च टूर 2025 में शामिल किया जाना, स्प्रिंगर नेचर और शिक्षा मंत्रालय की इस साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि भारत के हर हिस्से, विशेष रूप से वे क्षेत्र जो अब तक राष्ट्रीय शोध परिदृश्य में अपेक्षाकृत कम प्रतिनिधित्व रखते आए हैं, को ज्ञान तक समान पहुँच और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने के अवसर प्रदान किए जाएँ।
इंडिया रिसर्च टूर 2025 के मुख्य स्तंभ:
• ओपन एक्सेस (Open Access) को बढ़ावा देना और वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) पहल के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
• रिसर्च इंटीग्रिटी (शोध की सत्यनिष्ठा) और प्रकाशन क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर चर्चाओं को प्रोत्साहित करना।
• ‘हर रिसर्च, आवर फ्युचर’और ‘रिसर्च एंबेसडर प्रोग्राम’ जैसे पहलों के माध्यम से विविधता और समावेशन (Diversity and Inclusion) को बढ़ावा देना।
• ज्ञान के लोकतांत्रिकरण और उसकी सुलभता को सुदृढ़ बनाकर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (UN SDGs) का समर्थन करना।
इंटरैक्टिव चर्चाओं और कार्यशालाओं के माध्यम से, इस टूर ने यह खोजा कि इन संस्थानों के शोधकर्ता ओपन साइंस, शोध अखंडता और अंतरविषयक सहयोग के जरिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। सत्रों के दौरान, समावेशी और सतत शोध प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS), ओपन एक्सेस (Open Access) और हर रिसर्च, आवर फ्यूचर (Her Research, Our Future) जैसी पहलों से मिलने वाले अवसरों पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
इंडिया रिसर्च टूर 2025 अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई संस्थानों का दौरा कर चुका है। अब यह टूर अरुणाचल प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। यह कदम स्प्रिंगर नेचर की उस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है, जिसके तहत वह पूरे भारत में ज्ञान को सबके लिए सुलभ बनाना, शोधकर्ताओं को सशक्त करना, और नैतिक व असरदार शोध की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहता है।
स्प्रिंगर नेचर के बारे में:
स्प्रिंगर नेचर दुनिया के प्रमुख शोध प्रकाशकों में से एक है। हम सबसे बड़ी संख्या में जर्नल और किताबें प्रकाशित करते हैं और ओपन रिसर्च में अग्रणी हैं। अपने प्रमुख ब्रांड्स के माध्यम से, जो 180 से अधिक वर्षों से भरोसेमंद हैं, हम तकनीक-सक्षम उत्पाद, प्लेटफॉर्म और सेवाएँ प्रदान करते हैं जो शोधकर्ताओं को नए विचार खोजने और अपनी खोजें साझा करने में मदद करती हैं, स्वास्थ्य पेशेवरों को चिकित्सा विज्ञान के अग्रिम पायदान पर बने रहने में सहयोग करती हैं, और शिक्षकों को शिक्षा को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाती हैं। हमें गर्व है कि हम प्रगति का हिस्सा हैं, अपने सेवा किए जाने वाले समुदायों के साथ मिलकर ज्ञान साझा करने और दुनिया में समझ बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
