प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम **‘मन की बात’** के 125वें संस्करण में बिहार की ‘सोलर दीदी’ देवकी की प्रेरक कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे मुज़फ्फरपुर जिले के रतनपुरा गांव की देवकी ने सोलर पंप अपनाकर अपने गाँव की किस्मत बदल दी। प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों से सौर ऊर्जा को अपनाने और सूर्य से मिलने वाली अपार ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने का आह्वान किया।
मोदी ने कहा, “आजकल छतों पर, बड़े भवनों पर, सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल दिखने लगे हैं। लोग इनके महत्व को समझ रहे हैं और खुले मन से अपना रहे हैं। हमारे देश पर सूर्यदेव की इतनी कृपा है, तो क्यों न हम उनकी ऊर्जा का पूरा लाभ लें।” उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा किसानों के जीवन में नई रोशनी ला रही है। अब सोलर पंप और सोलर राइस मिलों की मदद से किसानों की आय बढ़ रही है और मेहनत का फल अधिक मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने देवकी की कहानी साझा करते हुए कहा कि कम उम्र में शादी, छोटे खेत और चार बच्चों की जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने सोलर पंप के बारे में जानकारी हासिल की और उसे अपनाने में सफल रहीं। आज उनके सोलर पंप से 40 एकड़ से अधिक जमीन की सिंचाई हो रही है। गांव के अन्य किसान भी उनसे जुड़कर लाभ कमा रहे हैं और उनकी फसलें हरी-भरी हो रही हैं।
मोदी ने यह भी बताया कि पहले जहां देवकी का जीवन घर की चारदीवारी तक सीमित था, वहीं अब वे आत्मविश्वास से काम कर रही हैं और डिजिटल लेन-देन को भी अपना चुकी हैं। किसान उन्हें भुगतान यूपीआई के माध्यम से करते हैं। आज वे पूरे गांव में सम्मानित हैं और उनकी मेहनत ने यह साबित कर दिया है कि सौर ऊर्जा केवल बिजली का साधन नहीं, बल्कि गांवों में नई रोशनी लाने की ताकत है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने देश के प्रसिद्ध अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि दी, जिनकी जयंती 15 सितंबर को अभियंता दिवस के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने आने वाली 17 सितंबर को होने वाली विश्वकर्मा जयंती का भी उल्लेख किया और कहा कि पारंपरिक कारीगरों और शिल्पियों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने **विश्वकर्मा योजना** शुरू की है। मोदी ने कहा, “हमारे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार और मूर्तिकार भारत की समृद्धि की आधारशिला रहे हैं। सरकार इन पारंपरिक शिल्पियों का साथ देने के लिए प्रतिबद्ध है।”