एनएचपीसी लिमिटेड ने 4-5 वर्षों में अपनी स्थापित क्षमता को दोगुना करके 15,000 मेगावाट करने की योजना बनाई है। फर्म 10,692 मेगावाट की कुल क्षमता वाली हाइड्रो और सोलर परियोजनाओं पर काम कर रही है। कंपनी पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और उसने सोलर पावर में विविधता ला दी है। सरकारी सहायता से भूमि अधिग्रहण और अन्य परियोजना चुनौतियों में आसानी होगी।
एनएचपीसी लिमिटेड अगले 4-5 वर्षों में अपनी स्थापित क्षमता को दोगुना करके लगभग 15,000 मेगावाट करेगी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राज कुमार चौधरी ने आज यहाँ एक बैठक में उक्त जानकारी दी।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राज कुमार चौधरी के अनुसार, एनएचपीसी लिमिटेड अगले चार वर्षों में अपने राजस्व और शुद्ध लाभ के स्तर को दोगुना करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की प्रमुख जलविद्युत उत्पादन कंपनी आगे चलकर अपने 15% एबिटा मार्जिन को बनाए रखने में सक्षम होगी और उम्मीद है कि इसकी अधिकांश वृद्धि वित्तीय वर्ष 2026 से शुरू होगी। एबिटा का मतलब है इंटर से पहले की कमाई
एनएचपीसी की मौजूदा परिचालन क्षमता 7,144 मेगावाट है, जिसमें 10,763 मेगावाट की हाइड्रो और सोलर परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। चौधरी ने बताया कि कंपनी वित्त वर्ष 2028 तक अपनी अधिकांश निर्माणाधीन परियोजनाओं को चालू कर देगी। कंपनी को उम्मीद है कि 2,880 मेगावाट की दिबांग पावर परियोजना वित्त वर्ष 2032 में चालू हो जाएगी। कंपनी इस वित्त वर्ष में 2,000 मेगावाट से अधिक की परियोजनाएं चालू करेगी, जिससे यह 2032 तक 1000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी।