कला की निरंतर विकसित हो रही इस दुनिया में टेक्नोलॉजी एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही है। कलाकार आज होलोग्राफिक और डोम प्रोजेक्शन जैसे अभिनव माध्यमों को अपनाकर सीमाओं को तोड़ रहे हैं। ताकि
पारंपरिक कला के अनुभवों को फिर से परिभाषित करने वाले मोहक/ मनोरम और संवादात्मक प्रणाली निर्माण कर सके।
होलोग्राफिक कला: जो भ्रमों को जीवन में लाता हैं
होलोग्राफिक प्रोजेक्शन त्रि-आयामी छवियां बनाने के लिए प्रकाश का उपयोग करते हैं, जो अंतरिक्ष में तैरती हुई प्रतीत होती हैं। यह अत्याधुनिक तकनीक कलाकारों को अपनी रचनाओं को कई तरह से जीवन में लाने की अनुमति देती है, जो की पहले से अकल्पनीय है। होलोग्राफी का लाभ उठाकर, कलाकार मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन तैयार करने के लिए प्रकाश और स्पेस में हेरफेर कर सकते हैं, जो की दर्शकों को मोहित कर देते हैं।
कल्पना करें की आप गैलरी में चल रहे है और हवा के मध्य में ही अचानक से एक लटकी हुई चमकदार, अलौकिक आकृति दिखाई दें। यह और कुछ नहीं, बल्कि होलोग्राफिक कला का जादू हैं। कलाकार अपने कार्यों को जीवंत बना सकते हैं, ताकि वे दर्शकों की उपस्थिति के प्रति प्रभावशाली और प्रतिक्रियाशील बन सकते हैं। इंटरएक्टिविटी (अन्तरक्रियाशीलता) महत्वपूर्ण है, क्योंकि दर्शक इन होलोग्राफिक डिस्प्ले (प्रदर्शनी) के साथ जुड़ सकते हैं, कभी-कभी अपनी हरकत (हिलना डुलना) या स्पर्श के माध्यम से दृश्यों को प्रभावित कर सकते हैं।
डोम (गम्बद) प्रोजेक्शन (प्रक्षेपण): एक गहन अनुभव
डोम प्रोजेक्शन दर्शकों को उस गहन दुनिया में ले जाते हैं, जहां कला उन्हें हर एंगल से घेर लेती है। यह इंस्टॉलेशन्स (निर्माण) अक्सर दृश्यों की रुपरेखा बनाने के लिए घुमावदार सतहों का उपयोग करते हैं, जिससे एक मनोरम और सर्वव्यापी अनुभव मिलता है। कहानी कथन करना और प्रत्यक्ष अनुभूति की सीमाओं को बढ़ाने के लिए कलाकार इस प्रारूप का उपयोग करते हैं।
एक गुम्बददार संरचना के अंदर कदम रखते हुए और घूमती हुई आकाशगंगाओं, गिरते झरनों, या घुमावदार छत पर नृत्य करती हुई भाववाचक आकृतियों से घिरे हुए चित्र। गुम्बद प्रक्षेपण एक अद्वितीय प्रकार की सहभागिता की अनुमति देता हैं, जहां दर्शकों को ऐसा लगता है की जैसे वे कलाकृति का ही हिस्सा हैं। इन स्थापनाओं का पैमाना और दायरा आश्चर्य और विस्मय की भावना पैदा करता है।
कला और प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) का मिलाप/ संयोजन
तकनीकी नवाचार के साथ कलात्मकता का मिश्रण इन माध्यमों को वास्तव में रोमांचक बनाता है। कलाकार टेक्नोलॉजी का उपयोग केवल एक उपकरण के रूप में नहीं, बल्कि अपने आप में ही भाव मुद्रा का एक प्रभावी माध्यम के रूप में कर रहे हैं। वे रचनात्मकता की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं और गहन अनुभवों के माध्यम से भावनाओं को जागृत करने और विचारों को प्रेरित करने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं।
इंटरएक्टिव होलोग्राफिक और गुंबद प्रक्षेपण दर्शकों को कलात्मक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित करके स्थापित कि हुई कला की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देते हैं। कला और दर्शकों के बीच यह प्रभावी संपर्क एक गहरे संबंध और रचनात्मकता के साथ अधिक व्यक्तिगत रूप से कठिनाई का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
निष्कर्ष: कला क्षेत्र में एक नया युग
जैसे-जैसे कलाकार होलोग्राफिक और गुंबद प्रक्षेपण की संभावनाओं का पता लगाना जारी रखते हैं, हम कला क्षेत्र में हो रहे एक नए युग की शुरुआत के साक्षी होंगे। यह नवोन्मेषी माध्यम कला परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं, प्रयोग और रचनात्मकता के लिए अंतहीन मार्ग पेश कर रहे हैं। कला और टेक्नोलॉजी का संयोजन/ मिश्रण कलाकारों के लिए दर्शकों के साथ गंभीर और अनपेक्षित तरीकों से जुड़ने के रोमांचक अवसर खोलता/ प्रदान करता है।
चाहे वह एक होलोग्राफिक मूर्तिकला हो जो आपके स्पर्श करने पर प्रतिक्रिया देती है, या एक विशालदर्शी गुंबद प्रक्षेपण जो आपको दूसरे क्षेत्र में ले जाता है, ये निर्माण फिर से परिभाषित करते हैं कि हम कला का अनुभव और सराहना कैसे करते हैं। जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, एक बात निश्चित है की कला और टेक्नोलॉजी के बीच का सहयोग विस्मय और आश्चर्य को प्रेरित करता रहेगा, कलात्मक भाव मुद्रा की सीमाओं को अज्ञात क्षेत्रों में बढ़ावा देगा।
लिखित लेख एक्सिस थ्री डी स्टूडियो के संस्थापक श्री अविजीत समाजदार द्वारा लिखा गया है।