यात्रियों को रेलवे स्टेशन परिसर में थूकने से रोकने के लिए 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन और कियोस्क लगाने पर काम किया जा रहा है. रेलवे की तरफ इस वेंडिंग मशीन में 5 से 10 रुपये के के स्पिटून पाउच (पाउच वाला थूकदान) दिए जाएंगे. कई रेलवे स्टेशन पर यह सुविधा शुरू हो चुकी है.
इस पीकदान की खासियत यह है कि कोई भी शख्स इसे अपनी पॉकेट में रख सकता है. इस पाउच की मदद से यात्री बिना किसी गंदगी के कहीं भी कभी भी थूक सकता है. इससे आने वाले समय में 1200 करोड़ रुपये का खर्च रेलवे का बच सकता है.
बायोडिग्रेडेबल पाउच को 15-20 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, यह थूक को ठोस पदार्थ में बदल देता है. पाउच के पूरी तहह इस्तेमाल होने के बाद इसे मिट्टी में डाल दिया जाता है. इसके बाद ये पूरी तरह से घुल जाते हैं. यानी प्रदूषण का खतरा भी न के बराबर है.