गुरुग्राम: एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा 25 अगस्त को विश्व विद्यानिधि दिवस “वर्ल्ड डॉक्टरेट डे’’ का आयोजन कर रहा है। इस विशेष दिवस पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन होगा, जिसमें लगभग 55 देशों के हजारों शिक्षाविद्, वैज्ञानिक तथा शोध छात्र सम्मिलित होंगे। यह कार्यक्रम ग्लोबल नेटवर्क ऑफ डॉक्टरेट के तत्वाधान में आयोजित हो रहा है और इस गोष्ठी में पीएचडी शोधकार्य में गुणवत्ता बनाये रखने के सम्बन्ध में अनेक मुद्दों व चुनौतियों पर चर्चा होगी। यह एक अनूठा प्रयास है और इसका सकारात्मक प्रभाव दूरगामी होगा।
गर्व की बात है कि इस सम्मेलन को शान्ति के दो नोबेल पुरस्कार विजेता -डॉ कैलाश सत्यार्थी एवं डॉ मोहम्मद यूनुस, प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ रधुनाथ मशेलकर, प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ जे एस राजपूत भी सम्बोधित करेंगें। सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर विजय पी भटकर होंगे, जो भारत के सुपर कम्प्यूटर के जनक के रूप में जाने जाते है और वर्तमान में नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (चांसलर) है। विशिष्ट अतिथि के रुप में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो गणपति थिरुवासगम अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस सम्मेलन में एमिटी एजूकेशन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक के चैहान एवं एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के कुलाधिपति डॉ अतुल चौहान की गरिमामयी उपस्थिति प्रेरणादायक होगी। एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलाधिपति (चांसलर) डॉ असीम चैहान सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
विश्व विद्यानिधि दिवस व गोष्ठी के विषय व उद्देश्य पर ग्लोबल नेटवर्क ऑफ डॉक्टोरेट के संस्थापक प्रो कमल कान्त द्विवेदी जो वर्तमान में एमिटी एजूकेशन ग्रुप में सीनियर वाइस प्रेसीडेन्ट है, अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
सम्मेलन का मूल उद्देश्य विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में हो रहे रिसर्च को आर्थिक प्रगति के साथ साथ पर्यावरण की सुरक्षा एवम् आज की मूल भूत चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए किया जाना चाहिए। करोना भयावह महामारी के बाद तो यह जिम्मेदारी ओर भी बढ़ गई है। डॉक्टरेट केवल कैरियर ग्रोथ के लिए नहीं, वरन मानव जाति के सर्वांगीण कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, कहा सम्मेलन के आयोजक, कुलपति, प्रो पी बी शर्मा ने जो एक प्रख्यात शिक्षाविद् है एवं ऐसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष भी रहे है।
सम्मेलन में भाग लेने वाले हजारों सदस्य एक विशेष शपथ पढेंगे तथा संकल्प लेंगे कि वे जीवन भर शिक्षा एवं शोध का स्तर उच्चत्तम रखेंगे तथा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करेंगे। डॉ संजना विज, सम्मेलन की आयोजन सचिव सभी अतिथियों, प्रवक्ता एवं सदस्यों का आभार व्यक्त करेगी।
इस सम्मेलन में कुल नौ सत्र होंगे, जिसको लगभग 40 प्रख्यात शिक्षाविद् सम्बोधित करेंगे। कुछ उल्लेखनीय वक्ताओं में भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव प्रो पंकज मित्तल, जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजसिंह, डी वाई पाटिल विश्वविद्यालय, पुणे की कुलपति प्रो सयाली गणकर, आईसीएसएसआर के सदस्य-सचिव प्रो वी के मलहोत्रा, एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा की कुलपति डॉ बलविन्दर शुक्ला, एमिटी साइंस, टैक्नोलॉजी एंड इन्नोवेशन फाउन्डेशन के अध्यक्ष डॉ डब्ल्यू सेल्वामूर्ति आदि के प्लेनरी भाषण होंगे।
इस सम्मेलन में 10 देशों के प्रतिनिधि अपने-अपने देशों के पीएचडी कार्यक्रमों के विषय में अपने व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम की श्रंखला में रिसर्च सुपरवाईजर व रिसर्च स्कॉलर के सम्बन्धों पर एक परिचर्चा होगी। इसके अतिरिक्त शोध छात्रों व शोध सुपरवाईजर के लिए कुछ अति महत्त्वपूर्ण स्किल्स् पर एक विशेष सत्र होगा जिसमें डॉ अजय राणा, डॉ सुमित नरुला एवं श्री धीरज उपाध्याय अपने तकनीकी विचार प्रस्तुत करेंगे।
सम्मेलन के अन्त में एक विशेष घोषणा-पत्र “एमिटी डिक्लरेशन ऑन क्वालिटी इन डॉक्टोरल रिसर्च’’ जारी किया जाएगा।