newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Entertainment

सावन सी भीगी जिंदगी जी कर चले गए सावन कुमार टाक

सावन सी भीगी जिंदगी जी कर चले गए सावन कुमार टाक

-निरंजन परिहार

सपनों के शहर मुंबई में, सितारों की बस्ती कहा जानेवाला जुहू वह समुद्र तटीय खूबसूरत इलाका है, जहां सावन कुमार टाक का और अपना आशियाना उसी दक्षिणा पार्क में है, जहां खैयाम भी रहते थे। मगर खैयाम साहब तो दो साल पहले चल दिए, और 25 अगस्त की शाम 4 बजे सावन कुमार भी संसार सागर से विदा ले गए। कई धमाकेदार और अनेक सदाबहार फिल्मों के निर्माता व निर्देशक सहित भावप्रणव, अर्थपूर्ण और जीवन के हर मोड़ पर सुकून देनेवाले डूबकर लिखे गए कर्णप्रिय गीतों के रचियता सावन कुमार ने अपनी फिल्मों और गीतों के जरिए जिंदगी के कई नए अर्थ भी हमें दिए हैं।

सावन कुमार के गीतों की बात करें, तो ‘बरखा रानी जरा जम के बरसो…’, ‘तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम…’, ‘कुछ लोग अनजाने भी क्यूं अपनों से लगते हैं…’, ‘हम भूल गए रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले…’, ‘कहां थे आप जमाने के बाद आए हैं…’, ‘जिंदगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पडेगा…’, ‘शायद मेरी शादी का खयाल दिल में आया है…’, ‘साथ जियेंगे साथ मरेंगे हम तुम दोनो लैला…’, ‘आइ एम वेरी वेरी सॉरी तेरा नाम भूल गई…’, ‘जब अपने हो जाये बेवफा तो दिल टूटे…’, ‘चूड़ी मजा ना देगी कंगन मजा ना देगा…’, ‘बेइरादा नजर मिल गई तो मुझसे दिल वो मेरा मांग बैठे…’, ‘चांद सितारे फूल और खूशबू ये तो सब अफसाने हैं…’ जैसे गीत आज भी लोगों के होठों पर हैं।

वैसे, दिलकश गीतों के गीतकार तो वे बाद में बने। लेकिन प्रोड्यूसर से डायरेक्टर बन जाने की कहानी भी कोई कम दिलकश नहीं है। सावन कुमार ने ‘गोमती के किनारे’ फिल्म की कहानी अपने खास अंदाज में सुनाकर मीना कुमारी को जब पूछा – ‘इस फिल्म में आप डायरेक्टर के तौर पर किसे पसंद करेंगी।‘ तो, अपनी नशीली आंखों में अनंत अंतरंगता के अंदाज उभारते हुए मीना कुमारी ने सावन कुमार की आंखों में उतरकर कहा – ‘जिस शख्स ने मुझे इतने दिलकश अंदाज में यह कहानी सुनाई, उससे बढ़िया डायरेक्टर और कौन हो सकता है।’ और, इस तरह सावन कुमार निर्देशक भी बन गए। बाद में तो खैर, सावन कुमार और मीना कुमारी दोनों के कई किस्से अनेक कहानियों के हिस्से बने और दोनों अपने अपने दिलों के दरवाजे खोलकर बहुत नजदीक भी इतने रहे कि मीना कुमारी को गए 40 साल का लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद उनकी याद में सावन कुमार अकसर खो से जाते थे।

कोई 30 साल पहले सावन कुमार से अपनी पहली मुलाकात माउंट आबू में हुई थी, जगह थी वहां की शानदार होटल हिलटोन, जहां वे उस जमाने के दुर्लभ किस्म की खूबसूरतीवाले हीरो अनिल धवन के साथ बारिश में भीगती हुई रात को पहुंचे थे। और फिर, तो अब कोई बीस साल से मुंबई के बेहद हसीन इलाके जुहू में अपने उनके पड़ोसी ही बन गए। सो, लगभग हर रोज ही सावन कुमार से मिलना होता रहा। मगर, अब उनसे मिलना कभी नहीं होगा। क्योंकि वे तो ईश्वर के पास चले गए। दुनिया ने सावन कुमार को दशकों पहले ही अपने दिलों में बसा लिया था और उनके सुरीले गीतों को होठों पर भी सदा के लिए सजाया हुआ है। किसी कलाकार की इस संसार से और क्या चाहत हो सकती है।

Related posts

Arjun Kapoor remembers mom Mona Kapoor on her birthday

Newsmantra

College Rivals Season 2 Promises a High-Octane Finale in Mumbai; tickets live on BookMyShow

Newsmantra

Jacqueline is now accused of extortion

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More