newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Mantra ViewPolitical

प्रथम ग्रासे मच्छिका पाते!

प्रथम ग्रासे मच्छिका पाते!

शरत सांकृत्यायन - वरिष्ठ पत्रकार
शरत सांकृत्यायन – वरिष्ठ पत्रकार

पटना में द ग्रेट भारत नौटंकी का आयोजन गाजे बाजे के साथ संपन्न हुआ। एक तारीख टलने के बाद, काफी मान-मनौव्वल और खींचतान के बाद आखिरकार कुछ शूरमा, कुछ फन्ने खां और ज्यादातर चुके हुए कारतूस एक जगह इकट्ठा हो पाए। खैर मजमा तो जम ही गया। अब ये बात दूसरी है कि जलनखोर लोग पूछते रहे कि बारात तो आ गई लेकिन दूल्हा कौन है। अब इन कमअक्लों को कौन बताए कि भैय्ये इसमें बाराती कम और दूल्हे ही ज्यादा थे। अब हुआ ये कि सुबह सवेरे जब मिलन स्थल पर बारातियों और दूल्हों का जुटान शुरू हुआ तो चोरी छुपे आंखों में रंगीन सपने संजो रहे मेजबान दूल्हे की बांछे (जो शरीर में जहां कहीं भी होती हों) खिल उठीं। लगा कि मेहनत बेकार नहीं गई। लेकिन बैठक शुरू होते ही मामला गड़बड़ाने लगा। ताज़ा ताज़ा राष्ट्रीय दल का ओहदा पाई पार्टी के शातिर मुखिया ने शुरुआत में ही मुशायरा लूट लेने की बेताबी में अपनी डफ़ली बजानी शुरू कर दी। अब खुद को सबसे होनहार दूल्हा माने बैठे राजकुमार के मशालचियों को ये कहां बर्दाश्त होनी थी। बस वो तेल पानी लेकर शातिर बौने के ऊपर चढ़ दौड़े। बगल से सुदूर उत्तर से आए बेदखल राजकुमार ने भी मौका ताड़ कर एक दो धर दिया। लब्बोलुआब यह रहा कि विपक्षी एकता के गगनभेदी नारे के साथ शुरू हुई बैठक की शुरुआत ही तू-तू-मैं-मैं और यू चल तो तू चल के तर्ज़ पर आगे बढ़ी। खैर बाकी लोगों के साथ मेजबान ने भी बीच बचाव किया और कहा कि भाई हमलोग जिस मुद्दे पर बातचीत के लिए जुटे हैं पहले उसपर चर्चा हो जाए। हंसुए के ब्याह में खुरपे का गीत गाने का क्या फायदा। फिर मुद्दे की बात शुरू तो हुई लेकिन जिस उत्साह से लोग आसमान में सुराख करने निकले थे वो गर्मजोशी जाती रही। मिलाजुला कर बैठक तो हुई लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया। बस सर्वसम्मति से अगली बैठक की तारीख और जगह जरूर तय हो गई। बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता भी पूरी तरह संयुक्त नहीं रह पाई। बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे और उमर अब्दुल्ला द्वारा दुरदुराए जाने से ख़फ़ा, मायूस और रुआंसे केजरीवाल, बड़े बे आबरू होकर प्रेसवार्ता से पहले ही अपने सहबाले भगवंत मान को लेकर रफूचक्कर हो लिए। प्रेसवार्ता में भी बाकी नेताओं में कोई खास उत्साह नहीं दिखा। वही घिसी पिटी बातें जिसे सुन-सुन कर लोग ऊब चुके हैं। दावे तो बड़े-बड़े हुए लेकिन समझ में बस इतना ही आया कि कोई चुनाव पूर्व महागठबंधन बनने की संभावना नहीं है। अभी कुछ महीनों तक बैठकें होती रहेंगी। सब एक दूसरे को सहलाते पुचकारते रहेंगे और अंत में होगा यही कि सभी लोग अपने-अपने गढ़ में बीजेपी के खिलाफ पूरी मजबूती से लड़ें और चुनाव के बाद हमलोग मिलजुलकर सरकार बनाने पर विचार करेंगे।

Related posts

पत्रकारों की पेंशन वृद्धि पर जर्नलिस्ट एसो. गुरुग्राम ने सरकार का जताया आभार

Newsmantra

SC orders to identify migrant workers

Newsmantra

सादगी की मिसाल हैं बिहार के ये सीनियर आइएएस

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More