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इस बार हम हरियाणा की गलती नहीं करेंगे ..अशोक गहलोत

इस बार हम हरियाणा की गलती नहीं करेंगे ..अशोक गहलोत

हरियाणा के चुनाव के बाद इस बार कांग्रेस कोई गलती नहीं करना चाहती इसलिए उसने देश भर के अपने सारे सीनियर नेताओं को कांग्रेस में नजर रखने के लिए भेज दिया है . राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और सबसे सीनियर नेता अशोक गहलोत को मुंबई और कोकण की जिम्मेदारी दी गयी है. उनसे एक्सक्लूसिव बातचीत की न्यूजमंत्रा के संपादक संदीप सोनवलकर ने ..

सवाल .. हरियाणा की हार का महाराष्ट्र पर क्या असर होगा ..कार्यकर्ता का मनोबल कम हुआ है .

जवाब ..हरियाणा की हार के कई कारण है और चुनाव परिणाम अप्रत्याशित है . पूरी उम्मीद थी कि हम जीतेंगे लेकिन भाजपा ने हर तरह के हथकंडे अपनाकर चुनाव जीत लिया .इसका शुरुआत में असर दिखा लेकिन अब महाराष्ट्र में कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार है . हम भी देखेंगे कि किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना हो सके .इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी दी है .

सवाल.. हरियाणा में हार की एक बड़ी वजह वगावत और निर्दलीय प्रत्याशियों की मौजूदगी रही .साथ ही टिकट वितरण पर भी सवाल उठे.इसे कैसे सुधारेंगे ..

जवाब ..टिकट वितरण में हमारा सीधा कोई रोल नहीं है लेकिन पार्टी की तरफ से इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि टिकट वितरण में नेताओं की जिम्मेदारी तय हो और सबको न्याय मिले .इसके साथ ही जिन सीनियर नेताओं की अलग अलग रीजन में ड्यूटी लगी है वो इस बात की कोशिश करेंगे कि पार्टी में कम से कम बगावत हो और निर्दलीय को मनायेंगे ताकि वोटों का बंटवारा न हो सके .

सवाल.. राज्य में बीजेपी इस समय मराठा बनाम ओबीसी करने की तैयारी है .इससे कैसे निपटेंगें.

जवाब .. देखिये भाजपा ने कभी भी ओबीसी का साथ नहीं दिया वो केवल दिखावा करते हैं भाजपा असल में ब्राहमण और अपरकास्ट की पार्टी है . वो ओबीसी को साथ दिखाते है लेकिन असल में भेदभाव करते हैं . वो संघ से चलने वाली पार्टी है जिसमें सिर्फ अपरकास्ट को मौका मिलता है. हम सबको न्याय दिलाना चाहते हैं. महाराष्ट्र में ओबीसी में कई जातियां है . मैं खुद अलग अलग जाति के लोगों से बात करूंगा . माली समाज नाराज है .वो हमारे साथ है.. इसी तरह विदर्भ में कुनबी समाज भी पूरी तरह कांग्रेस के साथ है. आदिवासी समाज भी आरक्षण के कारण हमारे साथ आया है .

सवाल.. इस बार प्रियंका गांधी तो वायनाड से चुनाव लड़ रही है क्या राहुल गांधी ही महाराष्ट्र का चेहरा रहेंगे .

जवाब .. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को महाराष्ट्र में सबसे बेहतर प्रतिसाद मिला था .इतना ही नहीं चुनाव में भी मतदाता ने कांग्रेस का साथ दिया इसलिए 17 सीट लड़कर भी हमने 14 सीट जीती . महाराष्ट्र और हरियाणा की परिस्थिति अलग है . बीजेपी ने यहां पार्टिय़ां तोड़ी ,करप्शन करने वालों को अपने साथ लिया और राज्य में विकास ठप हो गया है. कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं . लोग परेशान है . रोजगार और विकास एक बड़ा मुददा होगा. राहुल गांधी जी राज्य के सभी रीजन में रैलियां करेगें और पार्टी के बाकी नेता भी प्रचार करेंगे . हम पूरी तरह से हर जगह पहुंचने की कोशिश करेंगे .

सवाल .. महाविकास आघाड़ी में सीटों को लेकर खींचतान हो रही है इसका चुनाव पर कितना असर होगा..

जवाब .. तीनों ही दल मिलकर चुनाव लड़ना चाहते .हर दल के नेता ज्यादा से ज्यादा सीट और अपना हिस्सा चाहते है लेकिन बीजेपी की केंद्र की सरकार और राज्य की तीन दलों की सरकार के खिलाफ हम एक जुट है हमने लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ा और सबसे ज्यादा सीटें हासिल की .इस बार भी चुनाव परिणाम अलग होंगे और महाविकास आघाड़ी की सरकार बनेगी..

सवाल .. सरकार ने लाड़ली बहना योजना शुरु की ..इससे महिलाओं में सरकार की लोकप्रियता बड़ी है . इसे कैसे देखते हैं.

जवाब ..इस योजना का कुछ तो असर होगा लेकिन ये योजना बस चुनाव तक के लिए की गयी है. हम लोगों को बता रहे हैं कि भाजपा ये सब देखकर उनको भरमाना चाहती है. बीजेपी ने एक तरफ जीएसटी और दूसरी तरफ मंहगाई के कारण जनता को लूटा है और अब कुछ देकर खरीदना चाहते हैं. हम लोगों तक अपनी बात पहुंचायेंगे .

सवाल .. मराठा आरक्षण को लेकर कई बातें आ रही है . जरांगे पाटिल ने कहा कि उनका समर्थन करेंगे जो उनकी बात मानेंगे .अगर उन्होने उम्मीदवार दिये तो नुकसान नहीं होगा .

जवाब .. मराठा आरक्षण को लेकर सबसे पहला प्रस्ताव कांग्रेस ने ही दिया था .हम चाहते है कि बिना किसी का हक मारे मराठा समुदाय को लाभ मिलना चाहिये .हमने तो इसलिए जातिगत जनगणना की बात की है ताकि पता चल सके कि जमीन पर हालात किस तरह है. हम उनको न्याय देंगे. बीजेपी और उनका गठबंधन बातों में उलझा रहा है . बीजेपी के कहने पर ही मराठा आंदोलनकारियों पर लाठी चली .इसे लोग नहीं भूल सकते हैं. मतों का विभाजन नहीं होना चाहिये उसी हिसाब से हम रणनीति बनायेंगे .

सवाल .. मुख्यमंत्री का चेहरा महायुति की तरफ से एकनाथ शिंदे है लेकिन आप लोग उदधव ठाकरे को चेहरा नहीं बना रहे .. क्या चेहरा होना चाहिये .

जवाब .. देखिये महाविकास आघाड़ी मिलकर चुनाव लड़ रही है . आदरणीय शऱद पवार जी और उदधव ठाकरे भी इस आघाड़ी के नेता है. सबने मिलकर तय किया है कि हम पहले चुनाव जीतने पर ध्यान देंगे. मुख्यमंत्री का चेहरा बाद में तय किया जायेगा. ये अभी कोई मुददा नहीं है.

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