newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Political

रिश्ते और रिश्तेदारी दोनों मजबूत की पवार ने

महाराष्ट्र की राजनीति की उठापटक में शऱद पवार ने अपने कद को तो बढा ही लिया लेकिन इसके साथ ही व्यक्तिगत स्तर पर रिश्ते और रिश्तेदारी दोनों मजबूत भी कर ली . ये कम लोगों को ही मालूम है कि असल में शरद पवार की इकलौती बेटी सुप्रिया सुले की शादी शिवसेना प्रमुख स्व बालासाहेब ठाकरे की बहन के बेटे से हुयी है. इस तरह से शऱद पवार असल में ठाकरे परिवार
के व्याही यानि समधी भी हैं.

दरअसल सुप्रिया सुले को पवार ने पढाई के लिए पुणे मे अपने भाई के पास रखा था वहीं पर उनकी मुलाकात एक कामन फ्रेंड के घर पर सदानंद सुले से ही हुयी . सदानंद सुले असल में बालासाहेब की बहन सुधा सुले के पुत्र हैं. इसी दौरान सुप्रिया मुंबई में जयहिंद कालेज में पढने आ गयी . सदानंद और सुप्रिया का प्यार परवान चढने लगा तो खुद बाला साहेब ने आगे बढकर शरद पवार से बात की और फिर ये रिशता 4 मार्च 1991 को विवाह समारोह में बदल गया .

बाला साहेब को सुप्रिया हमेशा से काका कहती थी. क्योकिं शुरुआत में बालासाहेब ठाकरे . जार्ज फर्नाडिंस और शऱद पवार करीबी मित्र थे और शाम को मिलकर महफिल जमाते थे . ठाकरे ने भी सुप्रिया को हमेशा बेटी की तरह ही माना इसलिए 2006 में जब पहली बार सुप्रिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया तो शिवसेना ने उम्मीदवार ही नहीं उतारा .

गठबंधन सरकार बनने से पवार एक साथ कई रिश्तेदारियों पर काम कर गये . एक तरफ सुप्रिया की ससुराल पक्ष से रिश्ते और मजबूत हो गये तो दूसरी तरफ भतीजे अजीत पवार का लंबे समय से चला आ रहा गुबार निकल गया . अजीत पवार को लगता था कि उनके बेटे पार्थ को मावल लोकसभा सीट पर मदद नही दी गयी और वो हार गये .

अजीत पवार ने तो गुस्से में इस्तीफा भी दे दिया था और कहा था कि राजनीती छोडकर खेती करेंगे . इस बार मौका मिला तो अजीत पवार ने बगावत भी कर दी .लेकिन शऱद पवार ने संयम दिखाया और अजीत को मनाने के लिए अपनी पत्नी प्रतिभा ताई और दामाद सदानंद को भी उनके घर भेजा आखिर अजित मान गये इस तरह पवार परिवार फिर एक जुट हो गया .

इतना ही पवार अपने दूसरे भतीजे रोहित पवार को भी राजनीति में स्थापित करने में कामयाब रहे . रोहित ने अभी विधानसभा चुनाव जीता और शरद पवार ने उनको उदधव के बेटे आदित्य के साथ गठजोड करने दिया .इस तरह ठाकरे और पवार परिवार की अगली पीढी भी आपस में जुड गयी .

राजनीती में रिश्तेदारी में मेलजोल का ये एक अनूठा उदाहरण होगा . शायद गांधी परिवार से अलग मेनका . सिंधिया परिवार से अलग हुए ज्योतिरादित्य जैसों को भी इसका संदेश मिल जाये .

Related posts

जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन गुरुग्राम को विधायक सुधीर सिंगला ने दी 2 लाख की सहयोग राशि

Newsmantra

AYODHYA PANEL GOT TIME TILL 15 AUGUST

Newsmantra

CONG SPLIT IN GOA

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More