नये साल में अगर अब महाराष्ट्र के किसी अफसर को बधाई देने के लिए फोन करें तो उनकी सांस ऊपर हो जाती है और पहला सवाल यही होता है कि वो तो ठीक है किसकी पोस्टिंग कहां हो रही है . इन दिनों महाराष्ट्र के बड़े अफसरों की जान अटकी है और सबको तबादले का डर सता रहा है .
राज्य में नई सरकार बन चुकी है और नये मंत्री भी बन गये लेकिन मंत्रालय में केबिन बन रहे हैं और अफसर अब तक तय नही हुये हैं. असल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस अकेले ही सारे मंत्रालयों का रिव्यू ले रहे हैं .उनका ये निर्देश भी है कि किसी भी मंत्री का स्टाफ तभी मिलेगा जब मुख्यमंत्री कार्यालय से उसकी मंजूरी मिल जायेगी इसलिए मंत्रालय के सचिव से लेकर निजी सचिव तक सब की नियुक्ति का काम अटका हुआ है. अब अगले दस दिन में ये सब तय होने वाला है .
सीएम कार्यालय की सफाई ..
देवेन्द्र फणनवीस ने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले सीएम कार्यालय की सफाई की . सीएम के निजी सचिव के तौर पर ब्रजेश सिंह को हटाया गया और उनको वापस फिलहाल सूचना और जनसंपर्क में रखा गया है. इतना ही नहीं तेजतर्रार अश्विनी भिड़े को अब सीएम का प्रधान सचिव बनाया गया है तो श्रीकर परदेशी को निजी सचिव .सीएमओ में पिछले दो मुख्यमंत्रियों ने जमकर ओएसडी की नियुक्ति की थी लेकिन देवेन्द्र ने साफ कर दिया है कि वो ये सब नहीं करेंगे .इतना ही सीएम का जनसंपर्क कार्यालय में छठे फ्लोर से हटाकर नीचे के तल पर भेजा जा रहा है ताकि सीएमओ में भीड़ न लगे ..
ठाणे के अफसर परेशान .
असल में पिछली शिंदे सरकार में उन अफसरों की चांदी हो गयी थी जो कभी ठाणे में नियुक्त हुये थे . वो सब मलाईदार पोस्ट पर बैठे थे लेकिन उनको अब वापस भेजा जा रहा है. सिडको में बदलाव हो चुका है तो एमएमआरडीए के संजय मुखर्जी ,म्हाडा के संजीव जायसवाल . बीएमसी के अभिजीत बांगर जैसे कई अफसर है जो अब जुगाड़ लगा रहे है कि किसी तरह मलाईदार पोस्टिंग पर बन रहे .. सीएम ने सारे विभाग के प्रमुख अफसरों की लिस्ट बना ली है और अगले हफ्ते से सफाई कार्यक्रम शुरु हो जायेगा.
नागपुर के अफसर खुश ..
देवेंद्र फणनवीस सरकार मे उन अफसरों को तरजीह मिल रही है जो नागपुर में कभी सेवा दे चुके हैं और अगर ब्राहमण है तो फिर क्या कहना .इसी तर्ज पर कई अफसर प्रमोशन की राह देख रहे हैं. जल्दी ही उनकी नई पोस्टिंग हो सकती है . इनमें मनीषा म्हैसकर पाटणकर . दराडे दंपत्ति , लोकेश चंद्र और आभा शुक्ला जैसे कई अफसर शामिल है जो देवेंद्र फणनवीस के खास मनाने जाते हैं. पुलिस में भी कई अफसर है जो बेहतर पोस्टिंग की राह देख रहे है . मुंबई पुलिस से सीआईएसएफ चले गये बारहवीं फेल अफसर मनोज शर्मा वापसी चाहते हैं. बीएमसी के तीनों एडीशनल कमिश्नर को बदला जाना है. पिछली बार देवेंद्र फणनवीस एसीएस होम के पद पर मनीषा म्हैस्कर को चाहते थे लेकिन शिंदे ने होने नहीं दिया और फिर उनको पीडब्लूयी डी पर ही जाना पाना पड़ा .अब ये विभाग शिंदे के पास चला गया है. इसके साथ ही अरबन डिपार्टमेंट में यूडीवन और यूडी टू के प्रमुख पद होते हैं इन पर कोई विश्वासु अफसर ही रहेगा.
अगले सीएस पर भी नजर
इस साल में महाराष्ट्र को नया सीएस भी मिलना है . मौजूदा मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को जून में रिटायर होना है. उनके बाद सीनियरटी में वैसे तो इकबाल सिंह चहल . राजेश कुमार मीना और भूषण गगराणी का नाम है लेकिन सीएम चाहें तो किसी को आउट आफ टर्न प्रमोशन भी दे सकते हैं. इसको लेकर अभी से कयास लगना शुरु हो गये हैं. चहल के पास अगले साल तक का समय है तो राजेश मीना के पास केवल तीन महीन हैं .गगरानी के पास पूरे दो साल का समय है रिटायर होने तक .
एमसीएस सर्विस का डर
मंत्रालय में आईएएस अफसरों को सबसे ज्यादा डर एमसीएस सर्विस से लगता है असल में इसे अफसरों के बीच में मंत्रालय कारिडोर सर्विस कहा जाता है. ये तब होता है जब अफसर को कई महीनों तक कोई पोस्टिंग नहीं मिलती हैं और उसे सामान्य प्रशासन विभाग में अटैच कर दिया जाता है. कोई काम नहीं होता सो वो मंत्रालय के कारिडोर में घूमकर पूछता है कि कब पोस्टिंग मिलेगी .इससे सबको डर लगता है . पिछली सरकार में कई अफसर इसका शिकार हो चुके हैं.